✨चारों तरफ बाधाएं? सावन के बुधवार को जीवन का सही मार्ग दिखाएंगे विघ्नहर्ता गणपति 🚩
अक्सर जीवन में हमें अचानक कई परेशानियां घेर लेती हैं और कई बार हमें इन परेशानियों का कारण भी समझ नहीं आता, जिससे हम निराश और बेबस हो जाते हैं। समाधान न मिलने और कोई रास्ता न दिखाई देने से विघ्न और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में भगवान गणेश ही वह दिव्य शक्ति हैं, जो हमें सभी संकटों से उबार सकते हैं। सावन का आखिरी बुधवार प्रथम पूज्य गणपति की शरण में जाने का दुर्लभ अवसर है, क्योंकि यह संयोग अब इस साल तो नहीं आएगा। इसलिए, बाधाओं और संघर्षों से राहत की दिशा में बढ़ने के लिए उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर में दिव्य अनुष्ठान होने जा रहा है।
पुराणों के अनुसार, भगवान गणेश आठ दिव्य रूपों में प्रकट होते हैं- वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण, जिनमें से सातवें स्वरूप 'विघ्नराज' की पूजा विशेष रूप से परेशानियों से राहत, नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा और जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए की जाती है। माना जाता है कि जब भक्त सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की आराधना करते हैं तो वे अपने विघ्नराज स्वरूप में प्रसन्न होकर उनके जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं। विशेष रूप से बुधवार के दिन विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करने से उनकी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है, क्योंकि सनातन धर्म में यह दिन भगवान गणेश को समर्पित और अत्यंत प्रिय माना गया है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जिस दिन माता पार्वती ने भगवान गणेश का निर्माण किया था, उसी दिन कैलाश पर बुधदेव भी उपस्थित थे। जब बुधदेव ने विनायक के दर्शन किए तो प्रसन्न होकर उन्होंने अपना दिन यानी बुधवार भगवान गणेश को समर्पित कर दिया। इस कारण बुधवार के दिन श्री गणेश की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। शास्त्रों में भी यह उल्लेख मिलता है कि इस दिन गणेश जी का स्मरण करने से जीवन की बाधाएँ स्वतः ही समाप्त होने लगती हैं, यही कारण है कि गणेश जी को ‘विघ्नहर्ता’ कहा गया है, जो अपने भक्तों के मार्ग में आने वाले सभी विघ्नों और संकटों का निवारण कर उन्हें सफलता प्रदान करते हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से उज्जैन के श्री चिंतामण गणेश मंदिर में सावन की ऊर्जा के साथ विघ्नहर्ता पूजा और हवन का आयोजन होने जा रहा है। आप भी इस अनुष्ठान में भाग लेकर जीवन की बाधाओं से राहत का आशीर्वाद पाएं।