🌑 गुप्त नवरात्रि एवं राहु द्वारा शासित आर्द्रा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन सकता है आपकी सभी बाधाओं से निवारण का मार्ग 🔱
गुप्त नवरात्रि का समय विशेष साधनाओं और अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। यदि इसी अवधि में राहु का आर्द्रा नक्षत्र सक्रिय हो, तो यह संयोग और भी शक्तिशाली बन जाता है। ऐसे समय किए गए अनुष्ठान ग्रहों की अशांत और दुष्ट ऊर्जा को शीघ्र शांत करने में अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं विशेषकर राहु जैसे मायावी, भ्रम फैलाने वाले और मनोवैज्ञानिक उलझन देने वाले ग्रह के दोषों को शांत करने में, शास्त्रों के अनुसार राहु को कलियुग का अधिपति कहा गया है, क्योंकि यह ग्रह व्यक्ति के जीवन में भ्रम, मानसिक तनाव, कानूनी विवाद, अदृश्य शत्रु और प्रतिष्ठा हानि जैसी स्थितियाँ उत्पन्न करता है। इसकी तीव्र और गूढ़ ऊर्जा को संतुलित करने के लिए माँ बगलामुखी और बाबा काल भैरव की उपासना सबसे प्रभावशाली मानी गई है।
🔱 राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए माँ बगलामुखी और बाबा भैरव की उपासना सबसे असरदार क्यों मानी जाती है? 🌑
माँ बगलामुखी तंत्रशास्त्र में शत्रु-बुद्धि को रोकने वाली और वाणी-बुद्धि को स्थिर करने वाली देवी मानी जाती हैं। यंत्र, मंत्र और हवन के माध्यम से की गई उनकी साधना मानसिक भय, मुकदमेबाजी और सामाजिक बदनामी जैसे राहु दोषों को शांत करती है। वहीं बाबा काल भैरव, भगवान शिव के रौद्र रूप माने जाते हैं जो अदृश्य संकटों, अनचाही घटनाओं और राहु से उत्पन्न डर को समाप्त करते हैं। इस दुर्लभ संयोग के अवसर पर उज्जैन स्थित माँ बगलामुखी मंदिर में तीन प्रमुख अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है—
- माँ बगलामुखी तंत्र युक्त यज्ञ – यह यज्ञ शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और निर्णय शक्ति को स्थिर करता है और राहु से उत्पन्न भ्रम, भय व कोर्ट केस जैसी बाधाओं को शांत करता है।
- बटुक भैरव आपदा हरण पूजा – इस पूजा से बार-बार आने वाली आपदाएं, अदृश्य संकट, अपमान और कानूनी झंझटों का नाश होता है; यह तामसिक और छिपी नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है।
- राहु ग्रह शांति हवन – यह हवन राहु की अशुभ दृष्टि और मानसिक अस्थिरता जैसे प्रभावों को शांत कर, जीवन में स्थिरता, स्पष्ट सोच और शुभता लाता है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम इस विशेष संयोग में आयोजित अनुष्ठान के पुण्य के भागी बनें।