🌸 सावन दुर्गाष्टमी के पावन संयोग पर श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग और नव दुर्गा मंदिर में आयोजित हो रहे विशेष अनुष्ठानों से जुड़ें 🙏✨
त्रिदेव और माँ आदिशक्ति से पाएं संपूर्ण सुरक्षा और संरक्षण का दिव्य आशीर्वाद 🛡️🔱🔥🌺
धार्मिक और ऊर्जा से भरा हुआ सावन का महीना जीवन में एक खास तरह की आध्यात्मिक लहर लेकर आता है। यह वह समय होता है जब प्रकृति भी भक्ति से सराबोर नजर आती है और शिव-शक्ति की उपासना का वातावरण खुद-ब-खुद बन जाता है। ऐसा माना जाता है कि सावन में की गई पूजा केवल मन को शांति नहीं देती, बल्कि आत्मा को एक नई दिशा भी प्रदान करती है। इस वर्ष सावन के पावन मास में एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जब शुक्रवार और दुर्गाष्टमी एक ही दिन पड़ रहे हैं। यह संयोग केवल तिथि मात्र नहीं, बल्कि शक्ति जागरण, आत्मिक उन्नति और ब्रह्मांडीय संतुलन का एक दिव्य अवसर माना जा रहा है।
ऐसे पवित्र योग में जब शिव और शक्ति की पूजा एक साथ होती है, तो साधक को दोनों ही दिशाओं से कृपा प्राप्त होती है। इस विशेष दिन त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर त्रिदेवात्मक रुद्राभिषेक का आयोजन हो रहा है, जहाँ भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव की संयुक्त आराधना की जाएगी। साथ ही कटरा स्थित नव दुर्गा मंदिर में विशेष नवचंडी यज्ञ और हवन का आयोजन किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि जब त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और शिव की शक्तियाँ एक साथ पूजी जाती हैं, तो जीवन के सृजन (ब्रह्मा), पालन (विष्णु) और संहार (शिव) तीनों ही क्षेत्रों में संतुलन और गति आती है। जहाँ एक ओर इन देवताओं की कृपा से जीवन की बाधाएँ, भय और भ्रम दूर होते हैं, वहीं मां दुर्गा की उपासना साधक के भीतर साहस, आत्मबल और सुरक्षा का भाव जाग्रत करती है। यह अनुष्ठान केवल पूजा नहीं, बल्कि साधना, समर्पण और चेतना के विस्तार का माध्यम है।
इस शुभ अवसर पर त्रिदेवात्मक रुद्राभिषेक जीवन में चारों दिशाओं से शुभता और स्थिरता लाने वाला माना गया है, वहीं नवचंडी यज्ञ बुरी नजर, मानसिक विक्षोभ और शत्रुओं से रक्षा प्रदान करता है। जब शिव की करुणा, ब्रह्मा का आशीर्वाद, विष्णु की कृपा और मां दुर्गा की शक्ति साधक के जीवन में एक साथ उतरती है, तब जीवन केवल चलता नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊँचाइयों की ओर बढ़ सकता है। सावन और दुर्गाष्टमी का यह अद्वितीय संगम शक्ति, श्रद्धा और आत्मिक उत्थान का दुर्लभ अवसर है। इसे यूं ही न जाने दें। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान का हिस्सा बनें और दिव्यता का अनुभव करें।