ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रहों का अपना विशेष महत्व होता है। जिनमें से कुछ ग्रह एक साथ होकर शुभ परिणाम देते हैं तो कुछ अशुभ। वहीं बात करें अगर दो विपरीत प्रवृत्ति की तो माना जाता है कि अगर यह कुंडली में एक ही भाव में आते हैं तो वो जातक के जीवन में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे ही चंद्रमा और राहु ऐसे ग्रह हैं जो एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। इन दोनों ग्रहों की शत्रुता की कहानी समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ी हुई है। समुद्र मंथन के दौरान, जब देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त किया, तो स्वरभानु नाम का एक असुर छल से अमृत पान करने लगा। इस दौरान देवताओं की पंक्ति में मौजूद सूर्य और चंद्रमा ने उसे पहचान लिया और मोहिनी रूप धारण किए हुए भगवान विष्णु को बताया। तब भगवान विष्णु ने तुरंत ही सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का सिर काट दिया, लेकिन अमृत पीने के कारण वह अमर हो गया। उसके सिर वाला भाग 'राहु' और धड़ वाला भाग 'केतु' बन गया, जिसके बाद से ही राहु और चंद्रमा के बीच शत्रुता हो गई। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति से ग्रहण योग बनता है। यह योग मानसिक स्तर पर लोगों को काफी परेशान कर सकता है, जिसके कारण नकारात्मकता बढ़ने लगती है। इस योग को ग्रहण दोष भी कहा जाता है। माना जाता है कि ग्रहण दोष से पीड़ित व्यक्ति को भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए, क्योंकि राहु भगवान शिव के परम भक्त है और चंद्र देव के स्वामी भी भगवान शिव ही है।
हिंदू धर्म में, भाद्रपद माह को चतुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जो इस महीने के दौरान पूर्णिमा तिथि का महत्व और भी अधिक बढ़ा देता है। पूर्णिमा को चंद्र देव की पूजा के लिए बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। इस वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा पर शतभिषा नक्षत्र भी रहेगा, जिसका स्वामी राहु है, जिससे राहु और चंद्रमा दोनों की पूजा करने का अत्यंत दुर्लभ अवसर बन रहा है। इसलिए, इस शुभ संयोग पर उत्तराखंड के राहु पैठाणी मंदिर में राहु-चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा का आयोजन किया जाएगा। यह देश के उन राहु मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव के साथ राहु की पूजा की जाती है। इसलिए, श्री मंदिर के माध्यम से राहु चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा - 18,000 राहु मूल मंत्र जाप और 10,000 चंद्रमा मूल मंत्र जाप में भाग लें और इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करें।