उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा
गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष

मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा

उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए
temple venue
कालीमठ मंदिर , रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड
pooja date
Warning InfoBookings has been closed for this Puja
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
ಇಲ್ಲಿಯವರೆಗೆ3,00,000+ಭಕ್ತರುಶ್ರೀ ಮಂದಿರ ಪೂಜಾ ಸೆವಾ ನಡೆಸಿದ ಪೂಜೆಗಳಲ್ಲಿ ಭಾಗವಹಿಸಿದ್ದಾರೆ.
ಪೂಜಾ ವಿಡಿಯೋ ಪಡೆಯಿರಿ icon
ಪೂಜಾ ವಿಡಿಯೋ ಪಡೆಯಿರಿ
ಸಂಪೂರ್ಣ ಪೂಜಾ ವಿಡಿಯೋವನ್ನು 2 ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಕಳುಹಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ
ಅನುಸರಿಸಬೇಕಾದ ಸರಿಯಾದ ಆಚರಣೆಗಳು icon
ಅನುಸರಿಸಬೇಕಾದ ಸರಿಯಾದ ಆಚರಣೆಗಳು
ದೇವಾಲಯದಿಂದ ಪೂಜರಿ ಪೂಜೆಯನ್ನು ಮಾಡುತ್ತದೆ
ಪಠಣಕ್ಕಾಗಿ ಮಂತ್ರ icon
ಪಠಣಕ್ಕಾಗಿ ಮಂತ್ರ
ಆಶೀರ್ವಾದ ಪಡೆಯಲು ವಿಶೇಷ ಮಂತ್ರವನ್ನು ಕಳುಹಿಸಲಾಗಿದೆ
ಆಶೀರ್ವಾದ ಬಾಕ್ಸ್ icon
ಆಶೀರ್ವಾದ ಬಾಕ್ಸ್
ಆಶೀರ್ವಾಡ್ ಬಾಕ್ಸ್ ನಿಮ್ಮ ಮನೆ ಬಾಗಿಲಲ್ಲಿ ವಿತರಿಸಲಾಗಿದೆ

उच्चतम शिक्षा एवं व्यावसायिक जीवन में विकास के लिए गुप्त नवरात्रि नवमी विशेष मां मातंगी तंत्र युक्त हवन और मां सरस्वती पूजा

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष से गुप्त नवरात्रि की शुरूआत होती है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से तांत्रिक साधना की जाती है, इसलिए इस पर्व को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। दस महाविद्याओं में नौवीं महाविद्या हैं माँ मातंगी इसलिए इनकी पूजा नवमी तिथि पर करना अत्यंत फलदायी मानी गई है। देवी मातंगी को तांत्रिकों की सरस्वती देवी कहा जाता है। इसी कारण तंत्र साधना में इन्हें विद्या, कला, संगीत, तंत्र, और वाणी की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इनकी पूजा से भक्तों को उच्चतम शिक्षा, करियर में सफलता, व्यवसायिक जीवन में विकास और धन-संपदा का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। वहीं माता सरस्वती की अराधना से भी भक्तों को शिक्षा व व्यवसायिक जीवन में सफल होने का वरदान मिलता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी अपने साथ कुछ खाने की सामग्री लेकर महादेव और माता पार्वती से मिलने कैलाश पर्वत पर गए। भगवान शिव और माता पार्वती ने विष्णु जी द्वारा लाया गया भोजन किया लेकिन उसके कुछ अंश धरती पर गिर गए। उन अंशों से एक श्याम वर्ण की देवी का जन्म हुआ जो मातंगी नाम से विख्यात हुईं। अन्य शास्त्रों में कहते हैं कि देवी मातंगी हनुमाजी और शबरी के गुरु मतंग ऋषि की पुत्री थीं। मतंग ऋषि के यहां माँ दुर्गा के आशीर्वाद से मातंगी देवी का जन्म हुआ था। देवी सरस्वती की तांत्रिक रूप होने के कारण मां मातंगी की अराधना गुप्त नवरात्रि में करने से अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसलिए गुप्त नवरात्रि के शुभ अवसर पर रूद्रप्रयाग के कालीमठ मंदिर में मां मातंगी तंत्र युक्त हवन के साथ मां सरस्वती की पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग ले और देवी से उच्चतम शिक्षा एवं व्यवसायिक जीवन में अपार सफलता का आशीष पाएं।

कालीमठ मंदिर ,रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड

कालीमठ मंदिर ,रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड
रुद्रप्रयाग जिले में गुप्तकाशी शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है कालीमठ मंदिर। ये पवित्र मंदिर माँ काली को समर्पित है, जो उग्र देवी के रूप में विराजमान हैं। यहां विराजित मां काली अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके जीवन से बुरी शक्तियों का विनाश करती हैं। यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मां काली अपनी बहनों माता लक्ष्मी और मां सरस्वती के साथ विराजित हैं। इस मंदिर से आठ किलोमीटर की ऊंचाई पर एक दिव्य चट्टान है। इस शीला को कालीशिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज राक्षसों से परेशान देवी-देवताओं ने मां भगवती की तपस्या की थी।

तब यहां माँ भगवती 12 वर्ष की बालिका के रूप में प्रकट हुईं, कालीशिला में देवताओं के 64 यंत्र हैं। असुरों के आतंक के बारे में सुनकर माता का शरीर क्रोध से काला पड़ गया और उन्होंने क्रोध का रूप धारण कर लिया। युद्ध में माता ने दोनों राक्षसों का वध कर दिया। इन 64 यंत्रों से मां को मिली थी शक्ति कालीमठ मंदिर की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें कोई मूर्ति नहीं है। कालीमठ मंदिर में एक कुंड है, जो चांदी के बोर्ड/श्रीयंत्र से ढका हुआ है। भक्त मंदिर के अंदर स्थित कुंड की पूजा करते हैं, यह पूरे वर्ष में केवल शारदीय नवरात्र में अष्टमी को खोला जाता है। दिव्य देवी को बाहर निकाला जाता है और पूजा भी आधी रात को ही की जाती है, तब केवल मुख्य पुजारी ही उपस्थित होते हैं।

All Puja Packages includes

tick

Name Gotra Uccharan by Panditji with 15+ years of experience.

tick

Guided Mantras & Steps to join the Puja from home

tick

Full Puja Video will be shared with you on your WhatsApp Number

tick

Free Aashirwad Box with Tirth Prasad delivered to your home.

opt-in-message-card-image

Opt for additional offerings like Vastra Daan,Anna Daan,Deep Daan or Gua Seva in your name

No Packages Available

ವಿಮರ್ಶೆಗಳು ಮತ್ತು ರೇಟಿಂಗ್‌ಗಳು

ನಮ್ಮ ಪ್ರೀತಿಯ ಭಕ್ತರು ಶ್ರೀ ಮಂದಿರದ ಬಗ್ಗೆ ಏನು ಹೇಳುತ್ತಾರೆಂದು ಓದಿ
User Image

Achutam Nair

Bangalore
User review
User Image

Ramesh Chandra Bhatt

Nagpur
User review
User Image

Aperna Mal

Puri
User review
User Image

Shivraj Dobhi

Agra
User review
User Image

Mukul Raj

Lucknow
icon

100% Money Back Guarantee

icon

No Hidden Cost

icon

ISO 27001 Certified Company

icon

Official Temple Partner

icon

Full Customer Support

srimandir-logo

ಭಕ್ತರು, ಪಂಡಿತರು ಮತ್ತು ದೇವಾಲಯಗಳನ್ನು ಸಂಪರ್ಕಿಸುವ ಮೂಲಕ ಶ್ರೀ ಮಂದಿರ್ ಭಾರತದ ಜನರಿಗೆ ಧಾರ್ಮಿಕ ಸೇವೆಗಳನ್ನು ತರುತ್ತದೆ. 100 ಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಪ್ರಸಿದ್ಧ ದೇವಾಲಯಗಳೊಂದಿಗೆ ಪಾಲುದಾರಿಕೆಯಲ್ಲಿ, ನಾವು ತಜ್ಞ ಪಂಡಿತರಿಂದ ವಿಶೇಷ ಪೂಜೆ ಮತ್ತು ಅರ್ಪಣೆ ಸೇವೆಗಳನ್ನು ಒದಗಿಸುತ್ತೇವೆ ಮತ್ತು ಪೂರ್ಣಗೊಂಡ ಪೂಜೆ ವಿಧಾನದ ವಿಡಿಯೋಗಳನ್ನು ನಿಮಗೆ ಕಳುಹಿಸುತ್ತೇವೆ

ನಮ್ಮ ವಿಳಾಸ

ಫಸ್ಟ್‌ಪ್ರಿನ್ಸಿಪಲ್ ಆಪ್ಸ್‌ಫಾರ್ ಭಾರತ್ ಪ್ರೈ. ಲಿಮಿಟೆಡ್. 2ನೇ ಮಹಡಿ, ಅರ್ಬನ್ ವಾಲ್ಟ್, ನಂ. 29/1, 27ನೇ ಮುಖ್ಯರಸ್ತೆ, ಸೋಮಸುಂದರಪಲ್ಯ, HSR ಪೋಸ್ಟ್, ಬೆಂಗಳೂರು, ಕರ್ನಾಟಕ - 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook