हिंदू धर्म में हर दिन का अपना एक विशेष धार्मिक महत्व होता है। वहीं मंगलवार का दिन मंगल देव को समर्पित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को नव ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। इसी कारण मंगलवार के दिन विशेष पूजा करने से मांगलिक दोष से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि उज्जैन की भूमि पर शिवजी के पसीने से मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई थी। इसी कारण उज्जैन को मंगल ग्रह की जन्म-भूमि कहा जाता है और यहाँ स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में मांगलिक दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की पूजा की जाती है। मांगलिक दोष वाले लोगों के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अक्सर शादी में देरी का सामना करना पड़ता है। शादी के बाद मंगल दोष का प्रभाव दोनों पार्टनर पर पड़ता है, क्योंकि शादी के बाद उनकी कुंडली मिल जाती है, जिससे पार्टनर को इसके दुष्प्रभाव के कारण दुर्घटना एवं दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है।
कई मामलों में, यह जीवनसाथी के लिए स्वास्थ्य संबंधी, संघर्ष, गलतफहमियां और वैवाहिक जीवन में सामंजस्य की कमी का कारण बनता है। इस मंदिर की खासियत है कि यहाँ पूजा करने से व्यक्ति को मनपसंद पार्टनर से शादी करने का आशीर्वाद मिल सकता है और मांगलिक दोष से जुड़ी समस्याओं का समाधान मिल सकता है। इसलिए जिन जातक की कुंडली में मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी हो रही है या वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण चल रहा है, तो मंगलवार के दिन होनी वाली मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से अवश्य भाग लें और मांगलिक दोष एवं उससे होने वाले अशुभ प्रभाव से मुक्ति का आशीष पाएं।