हरिद्वार में गंगा अभिषेक का विशेष महत्व है। गंगा नदी को पवित्रता और मोक्षदायिनी माना जाता है। हर की पौड़ी पर गंगा में स्नान और अभिषेक करने से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं और उसे आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। गंगा अभिषेक से मन, शरीर एवं आत्मा की शुद्धि होती है। वहीं काशी में पितृ पूजा का अपना विशिष्ट महत्व है। पितृ पूजा से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि काशी में पितृ पूजा करने से मृतकों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और जीवित व्यक्तियों को उनके पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
इन दोनों धार्मिक स्थलों पर पितृ पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक ग्रन्थों की मानें तो दक्षिणायन को पितृ का काल माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण पक्ष में ही सूर्य दक्षिण दिशा की तरफ से गमन करता है, इसलिए यह समय पितृ पूजा के लिए भी अत्यंत प्रभावकारी है। इस शुभ समय पर हरिद्वार एवं काशी मोक्ष तीर्थक्षेत्र में संयुक्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से पितृ दोष निवारण पूजा और हरिद्वार गंगा अभिषेक पूजा में भाग लें और पितृ का आशीष पाएं।