स्वाति नक्षत्र का स्वामी राहु है, जो इच्छा और जुनून का प्रतीक है। स्वाति नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में 27 चंद्र नक्षत्रों में से एक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा कर राहु केतु के अशुभ परिणामों से बचा जा सकता है। वहीं सोमवार का दिन भोलेनाथ को प्रिय है इसलिए इस दिन इनकी पूजा से सभी कष्टों का निवारण मिल जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु की दशा होती है तो उसके कार्यों में असफलता की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा परिवार में मनमुटाव, बुरी आदतों का सामना, पैसों की तंगी एवं निर्णय लेने में समस्या आने लगती है। राहु केतु के इस अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हरिद्वार के श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में राहु ग्रह शांति मूल मंत्र जाप करवाना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
वहीं शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के पूजन किए जाते हैं, जिसमें तिल तेल अभिषेक भी है। मान्यता है कि शनिदेव को तेल चढ़ाने से ये अपने भक्तों की पीड़ा हर लेते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शनि ग्रह के बाद सबसे अधिक लोगों को राहु-केतु ग्रह से भय लगता है। शनि ग्रह की शांति के साथ-साथ राहु-केतु ग्रह का शांत होना भी सुखी जीवन के लिए अनिवार्य है। इसलिए इस महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें और महादेव के साथ शनिदेव का आशीष पाएं।