कठिनाइयों और दुर्भाग्य पर विजय पाने की शक्ति के लिए शनिवार शनि हनुमान 15 ब्राह्मण अनुष्ठान 19,000 शनि मूल मंत्र जाप और 1008 संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ
कठिनाइयों और दुर्भाग्य पर विजय पाने की शक्ति के लिए शनिवार शनि हनुमान 15 ब्राह्मण अनुष्ठान 19,000 शनि मूल मंत्र जाप और 1008 संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ
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शनिवार शनि हनुमान 15 ब्राह्मण अनुष्ठान

19,000 शनि मूल मंत्र जाप और 1008 संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ

कठिनाइयों और दुर्भाग्य पर विजय पाने की शक्ति के लिए
temple venue
श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
pooja date
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कठिनाइयों और दुर्भाग्य पर विजय पाने की शक्ति के लिए शनिवार शनि हनुमान 15 ब्राह्मण अनुष्ठान 19,000 शनि मूल मंत्र जाप और 1008 संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ

सनातन धर्म में शनिवार के दिन शनिे देव को समर्पित है। न्याय के देवता भगवान शनि को उनके भक्तों के कर्मों के आधार पर अच्छा या बुरा फल देने वाले देव के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा करने से उनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में न्याय व संतुलन के लिए उनकी कृपा प्राप्त होती है। शनिवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। भगवान हनुमान को संकटमोचन भी कहा जाता है। मान्यता है कि शनिवार के दिन भगवान हनुमान की आराधना करने से व्यक्ति को कठिनाइयों और परेशानियों को पार करने के लिए साहस और शक्ति प्राप्त होती है। भगवान शनि और भगवान हनुमान का संबंध त्रेता युग की एक प्राचीन कथा से जुड़ा हुआ है। इस कथा के अनुसार, लंका के शक्तिशाली राजा रावण ने अपनी शक्ति दिखाने के लिए शनि देव और अन्य ग्रहों को बंदी बना लिया था। जब भगवान हनुमान माता सीता की खोज में लंका पहुंचे, तो उन्होंने रावण के सैनिकों को परास्त कर शनि देव को मुक्त कर दिया। अपनी मुक्ति के लिए आभार व्यक्त करते हुए, शनि देव ने भगवान हनुमान को आशीर्वाद दिया और कहा कि उनके भक्त कभी भी शनि के अशुभ प्रभावों से पीड़ित नहीं होंगे।

इसी कारणवश, शनिवार के दिन भगवान शनि और भगवान हनुमान की एक साथ पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से न केवल शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए शक्ति और धैर्य भी प्राप्त होता है। इसलिए, उज्जैन स्थित श्री नवग्रह शनि मंदिर में विशेष शनिवार शनि-हनुमान 15 ब्राह्मण अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। इस अनुष्ठान में 15 अनुभवी ब्राह्मणों द्वारा 19,000 शनि मूल मंत्र जप और 1008 संकटमोचन हनुमान अष्टक पाठ किए जाएगा। यह शक्तिशाली पूजा कठिनाइयों और परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ जीवन में सकारात्मकता और संतुलन लाने में सहायक मानी जाती है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शनि व भगवान हनुमान की संयुक्त कृपा प्राप्त कर अपने जीवन की परेशानियों को दूर करें।

श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश

श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
क्षिप्रा नदी के तट पर बसी नगरी उज्जैन में स्थित श्री नवग्रह शनि मंदिर की स्थापना राजा विक्रमादित्य ने की थी। वर्णित हैं कि, राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर की स्थापना शनि की साढ़ेसाती से मुक्त होने के बाद कराई थी। शनिदेव के साथ भगवान नवग्रह शांति मंडल के स्वरुप में विराजमान है, सभी ग्रहों की दशाएं विराजमान हैं। कहा जाता है कि विक्रमादित्य ने इस मंदिर को बनाने के बाद ही विक्रम संवत की शुरुआत की थी। इस मंदिर में शनिदेव भगवान शिव के रूप में विराजमान हैं।

यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से शनिदेव को प्रसन्न करता है उसे शनिदेव कभी दुख नहीं देते और सारे कष्ट दूर कर देते हैं। साथ ही देश के कोने-कोने से लोग यहां ग्रह दोष या फिर ग्रहों से होने वाले नकारात्मक प्रभाव एवं उससे आने वाले कार्य में बाधाओं से मुक्ति के लिए यहां पूजा करते हैं।

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