सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने से भक्तों को असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है और सभी बुरे प्रभावों और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सोमवार को चंद्रदेव ने भगवान शिव की पूजा की थी। इससे महादेव बहुत प्रसन्न हुए थे और उन्होंने चंद्रदेव को निरोगी काया का आशीर्वाद दिया था। यही कारण है कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस शुभ दिन पर भक्त मंदिरों में शिव को जल और अन्य पवित्र तत्वों से अभिषेक भी करते हैं। शिव पुराण के अनुसार, सुबह उठते ही भगवान शिव का नाम लेने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए, भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त के दौरान की जाती है। इस शुभ दिन पर भक्त मंदिरों में शिव जी पर जल एवं अन्य पवित्र तत्वों से अभिषेक भी करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, सोमवार को अभिषेक करना अन्य दिनों की तुलना में अधिक फलदायी माना जाता है। इसलिए सोमवार के शुभ दिन पर गिलोय और पंचामृत अभिषेक के साथ महामृत्युंजय जाप किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि विभिन्न रोगों से राहत के लिए गिलोय के रस से अभिषेक करना बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा दूध, दही, शुद्ध घी, शहद और चीनी को चढ़ाने वाले पंचामृत अभिषेक को बुरे प्रभावों और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है। सोमवार को 11,000 महामृत्युंजय जाप तथा गिलोय व पंचामृत अभिषेक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।