महाकुंभ के दौरान पड़ने वाली इस विशेष माघी पूर्णिमा पर पाएं जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति ✨
त्रिवेणी संगम पर सात ब्राह्मणों द्वारा आयोजित इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें🌑🌙
हिंदू परंपरा में महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में होता है, जिसे सबसे बड़ा और सबसे शुभ आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। यह आयोजन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर किया जाता है, जो अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। इस बार इस पवित्र पर्व के दौरान माघ पूर्णिमा तिथि भी पड़ रहीं जोकि सभी धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस वर्ष, माघ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा की शुरुआत 11 फरवरी को शाम 06:55 बजे से होगी। मान्यता है कि इस दिन निशित काल के मूहूर्त में श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शनि और चंद्रदेव की संयुक्त आराधना करने से भक्तों को जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दरअसल सनातन धर्म में निशित काल रात 12 बजे से रात 3 बजे तक का समय होता है जोकि धार्मिक और तांत्रिक साधना के लिए सबसे सर्वोत्तम समय माना जाता है, क्योंकि इस समय सभी दैवीय शक्तियां जल्दी प्रसन्न होती हैं, जिससे साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसी कारण इस विशेष अनुष्ठान का आयोजन निशित काल के शुभ मूहूर्त में किया जा रहा है।
वहीं शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा मन और भावनाओं को नियंत्रित करते हैं और शनि मनुष्य के कर्मों को नियंत्रित करते हैं। इसीलिए शनि और चंद्रमा को विशेष महत्व दिया जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनि और चंद्रमा किसी व्यक्ति की कुंडली के किसी एक भाव में स्थित हो, तो एक युति का निर्माण करते हैं, जिसे विष योग कहा जाता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह योग बनता है, उन्हें मानसिक तनाव, रिश्तों में परेशानियाँ, आर्थिक समस्याएँ और नकारात्मकता का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस योग से राहत पाने के लिए शनि के मूल मंत्र और चंद्रमा के मूल मंत्र का जाप एवं हवन करना अत्यंत फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है कि इन मूल मंत्रों के जाप से विष योग का प्रभाव कम होता है और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होकर मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है। इसीलिए, महाकुंभ के दौरान माघी पूर्णिमा और निशित काल के शुभ संयोग पर कुंभनगरी में स्थित त्रिवेणी संगम पर सात ब्राह्मणों द्वारा 19,000 शनि मूल मंत्र जाप, 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन का आयोजन किया जा रहा है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और जीवन की बाधाओं से मुक्ति एवं मानसिक स्पष्टता का आशीर्वाद प्राप्त करें।