इस अक्षय तृतीया, भगवान विष्णु को अपने घर में आमंत्रित कर अपने जीवन में अनंत समृद्धि का स्वागत करें। 🙏🌺
🛕 जीवन में नवग्रहों की निरंतर कृपा प्राप्त करने हेतु श्री नवग्रह शनि मंदिर में आयोजित विशेष अनुष्ठानों में सहभागी बनें। 🌿
अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे पवित्र दिनों में से एक है। "अक्षय" शब्द का मतलब है – जो कभी खत्म न हो या हमेशा बना रहे। अर्थात इस दिन शुरू किया गया कार्य या खरीदी गई कोई भी चीज़ - चाहे वह सोना, आभूषण, संपत्ति, वाहन या नया घर हो - फलती-फूलती रहती है। अक्षय तृतीया से जुड़ी एक कथा भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी की है, जब पांडव वनवास में थे। द्रौपदी की भक्ति से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें अक्षय पात्र का आशीर्वाद दिया — ऐसा बर्तन जिसमे कभी अन्न खत्म नहीं होता। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं क्योंकि माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर की गई प्रार्थना और दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। इससे मन को शांति मिलती है, आत्मा का विकास होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
अक्षय तृतीया पर नवग्रहों की शांति के लिए विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु के अवतारों का संबंध नौ ग्रहों से है। सूर्य की ऊर्जा से लेकर चंद्रमा की शांति, मंगल के साहस से लेकर बुध की बुद्धि, बृहस्पति की धार्मिकता, शुक्र की कृपा, शनि का धैर्य और राहु और केतु की ब्रह्मांडीय शक्तियां - भगवान विष्णु इन सभी का प्रतीक हैं। इसलिए, उनकी कृपा से, ऐसा माना जाता है कि सभी ग्रह दोष शांत हो सकते हैं। इसके साथ ही, उज्जैन के प्रसिद्ध श्री नवग्रह शनि मंदिर में सर्व सिद्धि महा मंत्र जाप और यज्ञ भी आयोजित किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि यहां की गई प्रार्थनाएं शीघ्र सुनी जाती हैं, जिससे किए गए अनुष्ठानों की शक्ति बढ़ जाती है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और स्थायी समृद्धि और सद्भाव के लिए भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें।