हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, क्योंकि यह चतुर्मास का अंतिम महीना होता है। परंपरा के अनुसार इन चार महीनों में भगवान विष्णु विश्राम करते हैं जबकि भगवान शिव इस पूरे संसार की देखभाल करते हैं। इसलिए इस दौरान भगवान शिव की पूजा अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार सोमवार को ही चंद्र देव ने भगवान शिव की पूजा की थी और बदले में भगवान शिव ने चंद्र देव को निरोगी काया का आशीर्वाद दिया था। तभी से सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ माना जाने लगा है। इस दिन भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं, जिसमें से एक है रुद्राभिषेक। रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र रूपी शिवलिंग का मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल, दूध, शहद और अन्य सामग्रियों से स्नान कराना। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रुद्र हैं। माना जाता है कि रुद्र रुप में प्रतिष्ठित शिव मनुष्य के दुखों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करते हैं, भगवान शिव उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
वहीं यदि यह रुद्राभिषेक किसी ज्योतिर्लिंग में किया जाए तो यह कई गुना फलदायी हो जाता है। मान्यता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ऋण मुक्ति शिव हवन के साथ रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव कर्ज मुक्ति और धन संचय का आशीष देते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसमें बताया गया है कि, धन के देवता कुबेर भगवान शिव के परम भक्त थे। कुबेर ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस ज्योतिर्लिंग में कठोर तपस्या की थी। इसके लिए उन्होंने यहां एक शिवलिंग स्थापित किया था। भगवान शिव कुबेर की भक्ति से प्रसन्न हुए एवं कुबेर को देवताओं का धनपति बना दिया। वहीं शिव पुराण में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है, EMI चुकाने में सक्षम नहीं है तो सोमवार के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी साबित हो सकता है। इसलिए, कार्तिक सोमवार पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में होने वाले ऋण मुक्ति शिव हवन एवं रुद्राभिषेक में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भोलेनाथ से ऋण मुक्ति एवं धन की प्रचुरता का आशीष पाएं।