✨हिंदू नववर्ष पर त्रिदेव पूजा से पाएं अपार सुरक्षा का आशीष🙏
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। मान्यता है कि इस दिन देवी देवताओं की अराधना करने से भक्तों को पूरे वर्ष के लिए आशीष प्राप्त होता है। भगवान भैरव सुरक्षा के देवता माने जाते हैं। कहते हैं कि भगवान भैरव के साथ माता लक्ष्मी एवं कुबेर की पूजा करना अत्यंत प्रभावशाली हो सकता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा करने से उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां लक्ष्मी केवल धन की देवी ही नहीं, बल्कि समृद्धि, सुख और वैभव का स्रोत भी मानी जाती है। इसलिए उनकी कृपा से न केवल आर्थिक कठिनाइयों का नाश होता है, बल्कि जीवन में स्थायी समृद्धि और खुशहाली भी आती है। हालांकि, सच्ची आर्थिक स्थिरता केवल धन के आगमन से ही नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा और उचित प्रबंधन से भी संभव होती है। इसलिए मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर और बटुक भैरव की संयुक्त पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
त्रिदेव पूजन का महत्व
1. मां लक्ष्मी आर्थिक समृद्धि प्रदान करती हैं और धन के सदुपयोग में सामंजस्य बनाए रखती हैं।
2. भगवान कुबेर, जो देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं और आर्थिक स्थिरता के प्रतीक माने जाते हैं। वे धन को दीर्घकालिक लाभ के लिए संरक्षित रखते हैं और इसे क्षणिक या अस्थिर होने से रोकते हैं।
3. बटुक भैरव, जो भैरव का बाल रूप हैं, धन के रक्षक माने जाते हैं। वे धन को चोरी, धोखाधड़ी और अनपेक्षित आपदाओं से बचाते हैं।
यह शक्तिशाली त्रिदेव पूजन भक्तों को आर्थिक समृद्धि, स्थिरता और धन की सुरक्षा प्रदान करता है। शास्त्रों के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी ने भगवान शिव से मार्गदर्शन मांगा, यह जानने के लिए कि उनके भक्त उनकी कृपा से प्राप्त धन को अक्सर क्यों खो देते हैं। भगवान शिव ने बताया कि उनकी कृपा से समृद्धि तो मिलती है, लेकिन बिना सुरक्षा के धन लोभ, कुप्रबंधन और कर्म बाधाओं के कारण जल्दी नष्ट हो जाता है। धन की रक्षा के लिए, भगवान शिव ने अपने बाल स्वरूप बटुक भैरव को मां लक्ष्मी के भक्तों के धन के रक्षक के रूप में भेजा। इसके साथ ही, मां लक्ष्मी की समृद्धि को स्थायित्व और सुरक्षा प्रदान करने के लिए भगवान कुबेर को भी आमंत्रित किया गया, जो स्थिर धन के देवता हैं। इसीलिए कहते हैं कि मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और बटुक भैरव भक्तों को समृद्धि, स्थिरता और धन की सुरक्षा का संपूर्ण समाधान प्रदान करते हैं। इन मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दक्षिण भारत के तिरुनेलवेली स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में हिंदू नववर्ष विशेष 11,000 कुबेर मंत्र जाप, बटुक भैरव कवच पाठ और श्रीसूक्त हवन का आयोजन किया जा रहा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और आर्थिक स्थिरता, धन की सुरक्षा और दीर्घकालिक समृद्धि का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।