नवग्रहों की कृपा से अपने नववर्ष को बनाएं शुभ और मंगलमय🌟
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नए वर्ष की शुरुआत होती है, जिसे सृष्टि की रचना का दिन माना जाता है। यह समय नई शुरुआत, शुभ संकल्प और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठान और शुभ कार्य इस दौरान विशेष रूप से फलदायी होते हैं। ऐसे में नवग्रह शांति पूजा एवं यज्ञ का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह ग्रहों की अनुकूलता लाने और वर्षभर सुख-समृद्धि बनाए रखने में सहायक मानी जाती है।
🔮 जानिए 12 राशियों पर नवग्रहों का प्रभाव और इनसे बचने का समाधान 🕉️
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अनुकूल ग्रह जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं, जबकि अशुभ ग्रह आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएँ और पारिवारिक कलह का कारण बन सकते हैं। विशेष रूप से शनि, मंगल, सूर्य और पाप ग्रह माने जाने वाले राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से जीवन में बाधाएँ, दुर्घटनाएँ और अस्थिरता उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु दोष, मंगल दोष या अन्य ग्रहों की प्रतिकूल दशा से बचने के लिए शास्त्रों में नवग्रह शांति पूजा एवं यज्ञ का विशेष महत्व बताया गया है।
🔮 जानें इस विशेष नवग्रह शांति पूजा एवं यज्ञ के लाभ 🕉️
स्वास्थ्य: बीमारियों, मानसिक तनाव और शारीरिक तकलीफों से राहत पाने में मददगार।
धन-संपत्ति: आर्थिक तंगी, नुकसान और कर्ज की समस्याओं को कम करने में सहायक।
कामकाज: नौकरी में तरक्की, व्यापार में सफलता और रुकावटें दूर करने में प्रभावी।
परिवार: आपसी झगड़ों, गलतफहमियों और पारिवारिक तनाव को कम करने में मददगार।
इसीलिए हिंदू नववर्ष के शुभ अवसर पर श्री नवग्रह शनि मंदिर में इस विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है, जहाँ शनि देव को अन्य ग्रहों के साथ शिव रूप में पूजा जाता है, जो इसे अन्य शनि मंदिरों से विशिष्ट बनाता है। यह मंदिर न केवल शनि देव की आराधना का प्रमुख स्थल है, बल्कि ग्रह दोषों और नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए, आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष महायज्ञ में भाग लें और नवग्रहों की कृपा प्राप्त करें।