नववर्ष की शुभ शुरुआत करें, भगवान शिव की कृपा से पाएं ऋण-मुक्ति और समृद्धि का आशीष 🙏
उगादी हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसे समृद्धि व वित्तीय उन्नति के लिए अत्यंत शुभ समय माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस पवित्र अवधि में की गई पूजा से बाधाएँ दूर होती हैं, प्रचुरता आती है और पूरे वर्ष सफलता प्राप्त होती है। वैदिक अनुष्ठानों और पवित्र प्रसाद के साथ संपन्न होने वाली धन-समृद्धि नववर्ष पूजा और यज्ञ एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधना है। यह न केवल वित्तीय संघर्षों को दूर करने और ऋण कम करने में सहायक होती है, बल्कि धन संचय और आर्थिक स्थिरता को भी बढ़ाती है। उगादी पर यह पूजा करने से सकारात्मक ग्रहों का प्रभाव मजबूत होता है और व्यक्ति के भाग्य को दिव्य समृद्धि से जोड़ने में मदद मिलती है।
ऐसी धारणा है कि ज्योतिर्लिंग पर यह पूजा करने से इसकी आध्यात्मिक शक्ति और बढ़ती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के तेजस्वी स्वरूप, ज्योतिर्लिंग में अपार ब्रह्मांडीय ऊर्जा समाहित होती है। उगादी जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर इन पवित्र स्थलों पर पूजा करने से दिव्य आशीर्वाद का प्रवाह बढ़ता है, जिससे पूरे वर्ष समृद्धि, सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होती है। भक्तों का भी ऐसा मानना है कि हिंदू नववर्ष पर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से आने वाले महीनों के लिए सकारात्मक दिशा तय होती है, जिससे वित्तीय बाधाएँ दूर होती हैं और स्थिरता प्राप्त होती है। शिव पुराण और स्कंद पुराण जैसे शास्त्रों के अनुसार, आकाशीय संरेखण के दौरान ज्योतिर्लिंग पर पवित्र अनुष्ठान करने से अपार आध्यात्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है। कई भक्त इन पावन स्थलों पर अनाज, सोना या पवित्र जल जैसी प्रतीकात्मक वस्तुएँ चढ़ाते हैं, जो धन और सौभाग्य के आह्वान का प्रतीक मानी जाती हैं। श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित यह धन-समृद्धि नववर्ष पूजा और यज्ञ, दिव्य प्रचुरता से जुड़ने, ऋणों से मुक्ति पाने और जीवन के सभी पहलुओं में समृद्धि का स्वागत करने का एक दुर्लभ और शुभ अवसर है।