सूर्य ग्रहों के राजा हैं और इन्हें सबसे शक्तिशाली ग्रह की संज्ञा भी प्राप्त है जिसका कारण सूर्य का तेज है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह सूर्य के काफी करीब चला जाता है तो वो सूर्य के तेज से प्रभावहीन हो जाता है, ऐसे ग्रह को अस्त ग्रह माना जाता है। ऐसे में वो ग्रह शुभ फल नहीं देता और वो कुपित ग्रह कहलाता है। बात करें अगर मंगल ग्रह की तो, मान्यता है कि किसी भी कुंडली में सूर्य से मंगल की निकटता उसके अच्छे गुणों को समाप्त कर देती है। अगर मंगल सूर्य से अस्त हुआ है तो जातक को इसके नकारात्मक प्रभाव जैसे लापरवाह रवैया, गुस्सैल एवं तर्कशील स्वभाव, कार्य में आलस्य, जीवन में नीरसता एवं आत्मविश्वास में कमी का सामना करना पड़ता है।
रविवार का दिन भगवान आदित्य को समर्पित है। वहीं ज्योतिष के अनुसार चित्रा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इसलिए इस शुभ दिन एवं शुभ नक्षत्र के संयोग पर अस्त मंगल निवारण पूजा - 7,000 मंगल मूल मंत्र जाप और हवन, सूर्य अर्घ्य एवं पूजा अत्यंत प्रभावशाली साबित हो सकता है। श्री मंदिर द्वारा अस्त मंगल निवारण पूजा में शामिल होकर कार्य में आलस्य एवं जीवन में नीरसता से मुक्ति व आत्मविश्वास प्राप्ति के अलावा मंगल ग्रह अशुभत्व को भी कम किया जा सकता है।