वैदिक पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष से शुरू होती है। इस पर्व के दौरान दस महाविद्याओं और अन्य देवियों की गुप्त रूप से पूजा की जाती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। दस महाविद्याओं को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है, जो सभी सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। इनमें से मां बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं। माँ बगलामुखी की पूजा शत्रुओं के नाश एवं सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की जानी जाती है। उनकी पूजा से बड़ी बाधाएं और शत्रुओं से होने वाले खतरे टल सकते हैं। तंत्र मार्ग से मां बगलामुखी की विशेष पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति, शत्रुओं पर विजय और कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत मिलती है।
उज्जैन में विराजित माँ बगलामुखी मंदिर में अष्टमी के दिन भक्त देवी माँ से कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों में जीत पाने और शत्रुओं की राजनीति से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। यही नहीं इस मंदिर में विराजित देवी अपने भक्तों को पारिवारिक सुख-शांति, धन की प्राप्ति और सभी कष्टों के निवारण, शत्रु पर विजय, सरकारी कार्यों में सफलता, और कोर्ट-कचहरी मामलों में जीत दिला सकती है। इसलिए अगर आप किसी मुक़दमे या सरकारी कार्यों में फंसे हैं तो अष्टमी के दिन देवी माँ के इस पवित्र मंदिर में अपने नाम से पूजा करवाएं। श्री मंदिर पूजा सेवा द्वारा आयोजित माँ बगलामुखी तंत्र युक्त यज्ञ में भाग लें और देवी माँ से विजय का आशीष प्राप्त करें।