कलयुग में प्रदोष व्रत को अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला माना गया है। इस विशेष दिन पर गौरी शंकर की पूजा का विधान है। शिव के साथ देवी पार्वती का मिलन संतुलन का प्रतीक माना गया है इसलिए इनकी पूजा से रिश्तों में होने वाले कलह से मुक्ति़ के साथ प्रेम, मधुरता एवं आनंद का आशीष प्राप्त होता है। यदि आप रिश्ते में समस्याएं, स्नेह की कमी, वैवाहिक जीवन में तनाव, या योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति में देरी का सामना कर रहे हैं, तो प्रदोष व्रत पर होने वाली इस पूजा में 20 मई, 2024 को श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भगवान शिव और मां पार्वती से आशीर्वाद लें।