दस महाविद्याओं में से मां बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं, जो शत्रुओं के मन और बुद्धि को नियंत्रित करने के लिए जानी जाती हैं। इसी कारण मां बगलामुखी को शास्त्रों में 'शत्रु विनाशिनी' भी कहा गया है। मान्यता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं से आने वाली बड़ी विपत्तियां और खतरे टल जाते हैं। मां बगलामुखी को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें से जाप और हवन भी शामिल हैं। शास्त्रों में कई पूजा-पाठ हवन के बिना अधूरे माने जाते हैं, ज्यादातर हिंदू संस्कारों में हवन अनिवार्य है। नामकरण संस्कार, उपनयन संस्कार, विवाह, धन-संपदा के लिए हवन और शुद्धिकरण अनुष्ठान के लिए हवन को औपचारिक माना है। देवी बगलामुखी की अराधना के लिए कई तरह के हवन किए जाते हैं, जिसमें सुरक्षा, जीत एवं बाधाओं पर काबू पाने के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए आहुति के साथ पवित्र मंत्रों का पाठ किया जाता है। इन हवन में से एक है त्रिकोण कुंड हवन जिसे त्रिकोणिय भी कहा जाता है। यह धनुष और बाण की तरह दिखता है। मान्यता है कि बगलामुखी त्रिकोण कुंड हवन पूरी तरह से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है।
वहीं, पौराणिक कथा के अनुसार, शनिवार का दिन मां बगलामुखी की पूजा के लिए शुभ है। माना जाता है कि इस दिन की ऊर्जा इस विशेष पूजा की प्रभावशीलता को बढ़ाती है। शास्त्रों की मानें तो, इस दिन देवी बगलामुखी के विशेष हवन करने से मां बगलामुखी जल्दी प्रसन्न होती है और अपना दिव्य आशीष प्रदान करती है। इसलिए, उज्जैन में स्थित माँ बगलामुखी मंदिर में शनिवार के दिन माँ बगलामुखी त्रिकोण कुंड तंत्र युक्त यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष धार्मिक अनुष्ठान में भाग लें और मां बगलामुखी से शत्रुओं पर विजय एवं कोर्ट केस में जीत का आशीष प्राप्त करें।