मासिक दुर्गाष्टमी, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। यह दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। मां दुर्गा के अलावा इस दिन देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। दांपत्य जीवन में सुख एवं प्रेम प्राप्ति के लिए शुक्ल अष्टमी को मां कामाख्या की पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है। मां कामाख्या की पूजा मुख्य रूप से गुवाहाटी स्थित मां कामाख्या मंदिर में की जाती है। इस मंदिर के गर्भगृह को शक्ति का केंद्र माना जाता है। हजारों सालों से भक्त इस शक्तिपीठ में विशेष पूजा करके देवी से अपने रिश्तों में स्थिरता और मधुरता का आशीर्वाद प्राप्त करते आ रहे हैं। यही कारण है कि यह शक्तिपीठ भारत के प्रमुख तीर्थों में से एक माना जाता है। इस अत्यंत शुभ दिन पर रिश्तों में विवादों और गलतफहमियों से मुक्ति पाने के साथ-साथ असीम प्रेम और आर्थिक समृद्धि पाने के लिए मां कामाख्या की पूजा करें।
पूजा से पहले भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे मंदिर की लाइव परिक्रमा आयोजित की जाएगी और इसमें शामिल होने के लिए आपके साथ एक लिंक शेयर किया जाएगा। पूजा के लिए आपका नाम एवं गोत्र का संकल्प मंदिर के प्रांगण में लिया जाएगा, जिसके बाद पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र संकल्प पत्र को गर्भगृह के अंदर ले जाएंगे और पूजा करेंगे। जिसके बाद पंडित जी यज्ञशाला में आपका यज्ञ शुरू करेंगे। यज्ञशाला में किए गए इस यज्ञ का 5 मिनट का अंश आपके साथ शेयर किया जाएगा।