हिंदू पंचांग के अनुसार, पूरे साल में कुल 24 एकादशी होती हैं जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग महत्व होता है। एकादशी के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने की मान्यता है। हालांकि, इस दिन तुलसी पूजा का भी विधान है, कहते हैं कि इस एकादशी पर तुलसी पूजन करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और घर में धन, धान्य एवं समृद्धि का आशीष देते हैं। इन सभी एकादशियों में से एक है निर्जला एकादशी। इसका महत्व इतना है कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों को सालभर के बाकी 23 एकादशियों के व्रत रखने का पुण्य प्राप्त होता है। निर्जला एकादशी पर दान करने का अत्यंत महत्व है, इस दिन किया गया दान महादान कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन दान करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। इस महादान का महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब यह भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में किया जाए। मान्यता है कि भगवान कृष्ण की इस पावन भूमि पर निर्जला एकादशी के दिन दान करने से भक्तों को भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती रहती है। इसलिए निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर मथुरा के श्री दीर्घ विष्णु मंदिर में महादान और तुलसी पूजन का आयोजन किया जाएगा। निर्जला एकादशी पर विशेष रूप से ये चीजें चढ़ाई जाती हैं -
👉मीठे पानी का दान: इस दिन मीठे जल का दान करने से जीवन के सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
👉हाथ का पंखा दान करना: निर्जला एकादशी के दिन गर्मी से राहत देने वाली चीजें जैसे हाथ का पंखा दान करना सबसे शुभ माना गया है।
👉पीले वस्त्र का दान: निर्जला एकादशी के दिन पीले वस्त्र दान करने से देवी लक्ष्मी की निरंतर कृपा बनी रहती है।
👉पीले अन्न का दान: इस दिन पीले अन्न का दान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।