महाकाल की नगरी उज्जैन में काल भैरव को विशेष स्थान प्राप्त है और यहां इनके पूजन की विशेष मान्यता है। शास्त्रों के अनुसार, काल भैरव भगवान शिव का उग्र रूप हैं, जो भक्तों को साहस एवं जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करते हैं। भगवान काल भैरव को उज्जैन नगरी का सेनापति कहा जाता है और मान्यता है कि वो महाकाल की नगरी की रक्षा करते हैं। विश्वभर से भक्त तंत्र साधना एवं सिद्धि प्राप्त करने के लिए उज्जैन के विक्रांत भैरव मंदिर में आते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में की गई तंत्र पूजा कभी असफल नहीं होती।
कालभैरवाष्टकम, श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक शक्तिशाली अष्टक है। माना जाता है कि यह इतना शक्तिशाली पाठ है कि इसे सुनने मात्र से भी बुरी शक्तियां मनुष्य के आस-पास भी नहीं भटकती हैं। भगवान भैरव को प्रसन्न करने के साथ शक्ति एवं आत्मविश्वास का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कालभैरव तंत्र युक्त महाहवन के साथ कालभैरवाष्टकम करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए रविवार का दिन सबसे उपयुक्त है। मान्यता है कि इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से वो जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों में साहस एवं निडरता का आशीष देते हैं। इसलिए रविवार को उज्जैन के श्री विक्रांत भैरव मंदिर में काल भैरव तंत्र युक्त महाहवन एवं कालभैरवाष्टकम का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान भैरव से आशीर्वाद प्राप्त करें।