👉 वसंत पूर्णिमा के शुभ अवसर पर त्रि-शक्ति से पाएं शारीरिक, भौतिक और आध्यात्मिक कल्याण का आशीर्वाद 🙏
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को वसंत पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है और होली के त्योहार से जुड़ा हुआ है। इस शुभ अवसर पर लोग पूजा-पाठ, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। कहते हैं कि जो भी भक्त इस शुभ दिन पर माँ दुर्गा (शक्ति), माँ लक्ष्मी (श्री) और माँ सरस्वती (विद्या) के दिव्य स्वरूपों की पूजा करते हैं, उन्हें त्रिशक्ति से शक्ति, समृद्धि और बुद्धि प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि वसंत पूर्णिमा पर त्रिदेवी पूजा करने से व्यक्ति को न सिर्फ शारीरिक बल्कि भौतिक और आध्यात्मिक कल्याण का आशीर्वाद भी मिलता है। वहीं, यदि यह अनुष्ठान कोलकाता के कालीघाट मंदिर में किया जाए, तो यह दुगुना प्रभावी हो जाता है। दरअसल, कालीघाट मंदिर उन 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ माता सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। इस पवित्र मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा करने से भक्तों को भय, नकारात्मकता और दुष्ट शक्तियों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
इसीलिए, वसंत पूर्णिमा के शुभ अवसर पर इस पवित्र मंदिर में 11,000 दुर्गा बीज मंत्र जाप, अष्ट लक्ष्मी यज्ञ और सरस्वती वंदना का आयोजन किया जा रहा है। इन शक्तिशाली मंत्रों और आहुति के माध्यम से माँ दुर्गा की कृपा से शक्ति और रक्षा, माँ लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिरता और सफलता, तथा माँ सरस्वती की कृपा से बुद्धि और रचनात्मकता का आह्वान किया जाता है। दुर्गा बीज मंत्र—"ॐ दुं दुर्गायै नमः"—को दिव्य आशीर्वाद को बढ़ाने, बाधाओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने वाला माना जाता है। वहीं, अष्ट लक्ष्मी यज्ञ में माँ लक्ष्मी के आठ रूपों का आह्वान किया जाता है, जिनसे धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है, जबकि सरस्वती वंदना बुद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि को बढ़ाती है। विशेषकर वसंत पूर्णिमा पर कालीघाट मंदिर में इस त्रिदेवी पूजा में भाग लेने से पूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान सुनिश्चित होता है। आप भी इस पवित्र अनुष्ठान में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और सुरक्षा, समृद्धि तथा ज्ञान के लिए शक्ति, श्री और विद्या का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।