वसंत पूर्णिमा पर त्रिदेव पूजा का महत्व जानें और वित्तीय स्थिरता, धन संरक्षण और दीर्घकालिक समृद्धि का आशीर्वाद पाएं 🙏✨
वसंत पूर्णिमा, जिसे फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन रंगों के त्योहार होली के साथ जुड़ा हुआ है। वहीं पूर्णिमा तिथि का आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है, जिससे यह दिन पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं और उन्होंने भगवान विष्णु को अपना जीवनसाथी चुना था। इस शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से उनकी पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनके दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी केवल धन की देवी ही नहीं, बल्कि समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य की भी प्रतीक हैं। उनकी कृपा से न केवल आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं, बल्कि स्थायी समृद्धि और खुशहाली का भी संयोग बनता है। हालांकि, सच्ची आर्थिक स्थिरता केवल धन अर्जित करने से नहीं, बल्कि उसके सही संरक्षण और प्रबंधन से प्राप्त होती है। इसी कारण मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान कुबेर (धन के संरक्षक) और बटुक भैरव (धन की सुरक्षा के देवता) की संयुक्त पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।
त्रिदेव पूजन का महत्व
मां लक्ष्मी आर्थिक समृद्धि प्रदान करती हैं और धन के सदुपयोग में सामंजस्य बनाए रखती हैं।
भगवान कुबेर, जो देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं और आर्थिक स्थिरता के प्रतीक माने जाते हैं। वे धन को दीर्घकालिक लाभ के लिए संरक्षित रखते हैं और इसे क्षणिक या अस्थिर होने से रोकते हैं।
बटुक भैरव, जो भैरव का बाल रूप हैं, धन के रक्षक माने जाते हैं। वे धन को चोरी, धोखाधड़ी और अनपेक्षित आपदाओं से बचाते हैं।
यह शक्तिशाली त्रिदेव पूजन भक्तों को आर्थिक समृद्धि, स्थिरता और धन की सुरक्षा प्रदान करता है। शास्त्रों के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी ने भगवान शिव से मार्गदर्शन मांगा, यह जानने के लिए कि उनके भक्त उनकी कृपा से प्राप्त धन को अक्सर क्यों खो देते हैं। भगवान शिव ने बताया कि उनकी कृपा से समृद्धि तो मिलती है, लेकिन बिना सुरक्षा के धन लोभ, कुप्रबंधन और कर्म बाधाओं के कारण जल्दी नष्ट हो जाता है। धन की रक्षा के लिए, भगवान शिव ने अपने बाल स्वरूप बटुक भैरव को मां लक्ष्मी के भक्तों के धन के रक्षक के रूप में भेजा। इसके साथ ही, मां लक्ष्मी की समृद्धि को स्थायित्व और सुरक्षा प्रदान करने के लिए भगवान कुबेर को भी आमंत्रित किया गया, जो स्थिर धन के देवता हैं। इसीलिए ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और बटुक भैरव भक्तों को समृद्धि, स्थिरता और धन की सुरक्षा का संपूर्ण समाधान प्रदान करते हैं। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही वसंत पूर्णिमा को दक्षिण भारत के तिरुनेलवेली स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में 11,000 कुबेर मंत्र जाप, बटुक भैरव कवच पाठ और श्रीसूक्त हवन का आयोजन किया जा रहा। आप भी इस विशेष पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और आर्थिक स्थिरता, धन की सुरक्षा और दीर्घकालिक समृद्धि का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।