🙏 भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी से पाएं धन, समृद्धि और गरीबी से मुक्ति का आशीष 💰✨
सनातन धर्म में भगवान कुबेर को धन के देवता के रूप में पूजा जाता है और माना जाता है कि उनके पास ऐसा खजाना है, जो कभी समाप्त नहीं होता। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कुबेर हमेशा से भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त रहे हैं। उन्होंने भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। जिससे प्रसन्न होकर ही भगवान शिव ने उन्हें सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष का पद दिया। इसके अलावा, भगवान शिव ने उन्हें धन के देवता बनने का आशीर्वाद भी दिया और यह वरदान दिया कि जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान कुबेर की पूजा करेगा, उसे धन-वैभव और समृद्धि की कभी कमी नहीं होगी, इसलिए ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को समर्पित सोमवार के दिन भगवान कुबेर की ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूजा करने से भक्तों को धन की प्रचुरता, समृद्धि और गरीबी से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
वैसे तो सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है, लेकिन इस दिन शिव के साथ शक्ति की पूजा का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है, जबकि भगवान कुबेर की आराधना से अर्जित धन की सुरक्षा और उसमें वृद्धि होती है। जहां एक तरफ देवी लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ उनकी चंचल प्रकृति के कारण वे लंबे समय तक एक स्थान पर स्थिर नहीं रहतीं। इसलिए भगवान कुबेर के साथ उनकी पूजा करने का विशेष विधान है, ताकि कुबेर की कृपा से धन स्थिर और सुरक्षित रहे। मान्यता यह भी है कि भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की संयुक्त पूजा यदि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में की जाए तो यह दुगुनी फलदायी हो सकती है। यहां किए गए कुबेर भंडारी महाभिषेक के फलस्वरुप भगवान कुबेर और भगवान शिव स्वयं भक्तों की आर्थिक परेशानियों से रक्षा करते हैं। इसके अलावा, रुद्राभिषेक के साथ लक्ष्मी श्री सूक्त धन प्रकाश पाठ करने से भक्तों को व्यापार में सफलता मिलती है। इसलिए सोमवार के दिन ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में इस विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान कुबेर के साथ माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।