🚩बुधवार के दिन विघ्नहर्ता से पाएं बाधाओं और चुनौतियों पर नियंत्रण का आशीर्वाद?
सनातन धर्म के अनुसार, बुधवार का दिन गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि माता पार्वती ने जिस दिन भगवान गणेश को निर्मित किया था, उस दिन कैलाश पर बुधदेव भी उपस्थित थे। बुधदेव ने जब विनायक के दर्शन किए, तो उन्होंने प्रसन्नतापूर्वक अपना दिन यानी बुधवार भगवान गणेश को समर्पित कर दिया। इस कारण बुध ग्रह के प्रतिनिधि बुधवार के दिन श्री गणेश की पूजा की जाती है। वहीं यह भी माना जाता है कि भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा महादेव की नगरी काशी में करने से अपार शुभता आती है। हालांकि, बुधवार के दिन पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त विभिन्न प्रकार की पूजा की जाती है। ऐसी ही एक पूजा है 11,000 गणपति गायत्री मंत्र जाप।
शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की विशेष मंत्रों से पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। इसलिए माना जाता है कि गणेश गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है और हर कार्य अनुकूल सिद्ध होने लगता है। वहीं भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, सुखकर्ता और दुखहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। गणेश सहस्त्रनाम, उनके 1008 नामों का एक स्तोत्र है जो उनके अलग-अलग गुणों को दर्शाते हैं। माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सफलता मिलती है और सभी तरह के विघ्न यानी बाधाएं दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को दूर्वा (एक प्रकार की घास) बहुत प्रिय है। कहा जाता है कि भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। इसलिए, बुधवार के शुभ दिन पर भगवान गणेश के 1008 नामों के जाप के साथ दूर्वा चढ़ाना विशेष रूप से प्रभावशाली हो सकता है। बुधवार के शुभ दिन पर काशी के चिंतामणि गणेश मंदिर में 11,000 गणपति गायत्री मंत्र जाप और गणेश सहस्रनाम 1008 दूर्वा अर्चना का आयोजन किया जाएगा। जीवन में सभी बाधाओं और चुनौतियों पर नियंत्रण पाने के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान गणेश का आशीर्वाद पाएं।