👉पहली बार श्रावण माह में होने जा रहा है 3 दिवसीय विशेष अनुष्ठान का आयोजन🙏
🕉️श्रावण शिवरात्रि, अमावस्या एवं महा सोमवार का अद्भुत संयोग🕉️
भगवान शिव को "देवों के देव महादेव" के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, श्रावण का महीना भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं। इसलिए, श्रावण मास की शुरुआत से ही भक्त विभिन्न अनुष्ठानों के जरिए महादेव को प्रसन्न करने में लीन हो जाते हैं। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने से भक्तों के जीवन में नकारात्मकता से राहत मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पुराणों में भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं जो मनवांछित फल दे सकते हैं। जिनमें से मूल मंत्र को अत्यधिक शक्तिशाली माना गया है।
हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की कृपा पाने के लिए तमाम तरह की पूजा पद्धति में मंत्र जाप को अत्यंत ही उत्तम उपाय बताया गया है। मान्यता है कि मंत्रों में बहुत शक्ति होती है, जिसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से साधक के जीवन से जुड़ी सभी प्रकार की नकारात्मकता व दुर्भाग्य दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की पूजा में भी मंत्रों का बहुत महत्व है। इसलिए श्रावण माह में हरिद्वार धर्मस्थल पर 3 दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। यह 3 दिवसीय अनुष्ठान कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि श्रावण शिवरात्रि को शुरू होगी और दूसरा दिन श्रावण अमावस्या पर रहेगा एवं आखिरी दिन श्रावण सोमवार को रहेगा जो कि अन्य दिनों की तुलना में अत्यधिक फलदायी मानी जाती है।
👉03 अगस्त (श्रावण शिवरात्रि)- हिंदु पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में पूजा जाता है, लेकिन श्रावण मास की शिवरात्रि अत्यधिक फलदायी होती है।
👉04 अगस्त (श्रावण अमावस्या)- धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण महीने में आने वाली अमावस्या तिथि को श्रावण अमावस्या कहते हैं। इस बार श्रावण अमावस्या का दिन बेहद शुभ है, क्योंकि इस दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।
👉05 अगस्त (श्रावण सोमवार)- पुराणों के अनुसार, श्रावण महीने के सोमवार को भगवान शिव की आराधना करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं।
इसलिए, इस विशेष 3 दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन हरिद्वार के श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में किया जाएगा, जिसमें 1,00,008 शिव मूल मंत्र जाप और हवन भी होगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।