🙏जीवन में एक बार मिलने वाले अवसर महाकुंभ नगरी में शिव पूजा में शामिल हों🕉️
👉 माघी पूर्णिमा पर भगवान शिव से पाएं आशीष✨
हिंदू परंपरा में सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ प्रयागराज में हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। प्रयागराज को तीर्थराज कहा जाता है क्योंकि यह गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम है, जो अपार आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दौरान माघ पूर्णिमा भी पड़ रहा है, जिसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है जो कि महाकुंभ के महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। शास्त्रों के अनुसार, माघ पूर्णिमा पवित्र अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ समय है। भगवान शिव की पूजा के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण दिन है। प्रयागराज में भगवान शिव की पूजा करने का महत्व और भी अधिक है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि "प्रयाग" नाम स्वयं भगवान विष्णु और त्रिलोकपति शंकर ने दिया था।
सनातन धर्म में भगवान शिव को "देवों के देव महादेव" के रूप में पूजा जाता है। पुराणों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों का वर्णन किया गया है, जिनमें रुद्राभिषेक का अत्यधिक महत्व है। इस अनुष्ठान में पवित्र मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग को उनके रुद्र रूप में स्नान कराया जाता है। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार, रुद्र के रूप में शिव मानव के दुखों का निवारण करते हैं। इसलिए, भक्त उनका आशीर्वाद और कठिनाइयों से मुक्ति पाने के लिए रुद्राभिषेक करते हैं। रुद्र हवन के साथ मिलकर यह पूजा और भी शक्तिशाली हो जाती है। इसलिए माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर शिव रुद्राभिषेक और रुद्र हवन का आयोजन किया जाएगा। माना जाता है कि इस पूजा को करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें आर्थिक स्थिरता मिलती है। श्री मंदिर के माध्यम से जीवन में एक बार मिलने वाले इस अवसर में भाग लें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।