🚩 कलियुग के देवता भगवान हनुमान के लिए 21 ब्राह्मणों द्वारा किए गए इस भव्य अनुष्ठान का क्या महत्व है? 🙏
🚩क्यों भयभीत रहते हैं हनुमान जी से शनि और राहु ग्रह? 👇
शनिवार का दिन हनुमान जी एवं शनिदेव को समर्पित होता है। इन्हें प्रसन्न करने का ये सबसे शुभ दिन माना गया है। इस शनिवार को राहु द्वारा शासित आर्द्रा नक्षत्र भी पड़ रहा है, जिससे यह दिन हनुमान, शनि और राहु की एक साथ पूजा करने के लिए विशेष रूप से शुभ है। हनुमान जी को बल एवं साहस का प्रतीक माना गया है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी तरह की भय व चिंता नहीं सताती। मान्यता है कि हनुमान जी की अराधना से शनि व राहु जैसे ग्रहों से उत्पन्न होने वाले अशुभ प्रभावों से भी राहत मिलता है। वैदिक ज्योतिष में, इन दोनों ग्रहों को अशुभ ग्रहों की संज्ञा दी जाती है। जिस भी भाव में ये ग्रह विराजमान होते हैं वहां इनकी युति नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है। इस युति के प्रभाव से जातक के जीवन में हमेशा चिंता बनी रहती है और सदैव मन में बुरे व नकारात्मक विचार आते हैं। शनि और राहु दोनों पापी ग्रहों का साथ में संबंध होने से जातक को सभी कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। जहां, कलयुग में राहु को सबसे प्रभावशाली और ताकतवर ग्रह माना गया है। वहीं हनुमान जी को कलयुग के देवता के रूप में पूजा जाता है। राहु के अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति बुरी आदतों में फंस जाता है, जिससे बचने के लिए हनुमान जी की पूजा अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। राहु के अलावा शनि एवं हनुमान जी के बीच अत्यंत गहरा संबंध है जिसकी एक प्रचलित कथा भी है।
दरअसल, त्रेतायुग में रावण ने अन्य ग्रहों के साथ शनिदेव को भी बंधक बना लिया था। कुछ समय बाद जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने शनिदेव को भी रावण की कैद से मुक्त कराया। कृतज्ञता से भरे शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया कि उनके भक्तों पर उनके बुरे प्रभाव नहीं पड़ेंगे। तभी से यह माना जाने लगा की जो भी भक्त हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनि के अशुभ प्रभाव से राहत मिलेगी। वैसे तो हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के अनुष्ठान करते हैं लेकिन हनुमान जी का गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है, जो अदम्य शक्ति, साहस और निडरता प्रदान करता है। जिससे व्यक्ति सभी प्रकार के भय और समस्याओं से मुक्त होता है। इसलिए शनिवार के दिन आर्द्रा नक्षत्र के दौरान उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में 21 ब्राह्मणों द्वारा महानुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के द्वारा इस अनुष्ठान में भाग लें और जीवन में नकारात्मकता और बाधाओं से सुरक्षा का आशीष पाएं।