सनातन धर्म में काल भैरव जयंती का विशेष महत्व है। यह तिथि भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस दिन काल भैरव का अवतरण हुआ था। शास्त्रों में भैरव को तंत्र साधना का गुरु माना गया है और माना जाता है कि ये देवी पूजा के पथ प्रदर्शन भी करते हैं। इसलिए इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव के अलावा देवी के उग्र स्वरूपों की पूजा का भी विधान है। दस महाविद्याओं को देवी दुर्गा का उग्र रूप माना जाता है, जिनमें से एक हैं मां बगलामुखी। मां बगलामुखी, शत्रुओं के मन और बुद्धि को नियंत्रित करने के लिए जानी जाती हैं। यही कारण है कि उन्हें 'शत्रु बुद्धि विनाशिनी' भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मां बगलामुखी की विशेष पूजा से शत्रुओं पर विजय मिलती है और बुरी शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है। बगलामुखी मूल मंत्र जाप मां बगलामुखी को समर्पित एक शक्तिशाली अनुष्ठान है। जिसको करने से आपको अपने शत्रुओं के बुरे इरादों से सुरक्षा मिलती है।
अगर कोई शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है या धन की हानि कर रहा है, तो आपको मां बगलामुखी मूल मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। यह मंत्र भक्तों को बुरी शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से भी बचाता है। माना जाता है कि इस मूल मंत्र जाप के साथ बगलामुखी दंडाधिकारी भैरव पूजन से भक्तों को जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं और समस्याओं से सुरक्षा मिलती है। वहीं बगलामुखी दंडाधिकारी भैरव पूजन को कोर्ट-कचहरी, मुकदमे में विजय के लिए विशेष लाभदायी माना गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, देवी को प्रसन्न करने के लिए उज्जैन का तीर्थ स्थल आध्यात्मिक महत्व रखता है। मां बगलामुखी मंदिर में विराजमान देवी अपने भक्तों को पारिवारिक सुख, धन और परेशानियों से मुक्ति का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए, काल भैरव जयंती के शुभ दिन पर इस मंदिर में 1,25,000 बगलामुखी मूल मंत्र जाप के साथ-साथ बगलामुखी दंडाधिकारी भैरव पूजन का आयोजन 25 ब्राह्मणों द्वारा किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और दुष्ट शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए देवी की सुरक्षा प्राप्त करें।