कैसे हनुमानजी ने पाताल लोक के स्वामी अहिरावण और महिरावण को किया पराजित?
पौराणिक कथानुसार, रावण के कहने पर पाताल लोक के मायावी स्वामी अहिरावण और महिरावण, जो काले जादू और तंत्र विद्या में निपुण थे, उन्होंने छल से भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया और उन्हें बलि देने की योजना बनाई। लेकिन जब पूरी वानर सेना उनके जादू से गहरी नींद में सो गई, तब भी हनुमान जागृत थे! वो पाताल लोक की तरफ कूच कर गए। वहां, अहिरावण व महिरावण ने अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पांच स्थानों पर दीप जलाकर सुरक्षा चक्र बनाया था। इन 5 दियों को एक ही समय पर बुझाना था, तभी हनुमान जी ने माँ काली का आह्वान किया। माँ काली ने हनुमान जी को विशेष शक्ति दी जिसके आशीर्वाद से उन्होनें पंचमुखी रूप धारण किया, जो कि हनुमान जी का सबसे उग्र रूप माना जाता है।
🔥आइए जानते हैं क्या दर्शाता है हनुमान जी के इस पंचमुखी स्वरूप का हर मुख:
🔺 नरसिंह मुख: भय और अन्याय का संहार करने के लिए।
🔺 गरुड़ मुख: तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने के लिए।
🔺 वराह मुख: बाधाओं को हटाने के लिए।
🔺 हयग्रीव मुख: ज्ञान और रणनीति का प्रतीक।
🔺 हनुमान मुख: भक्ति और शक्ति का समावेश।
यह पूजा उन सभी भक्तों के लिए है जो नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और अनिष्ट तंत्र प्रभावों से मुक्ति चाहते हैं। माँ काली और पंचमुखी हनुमान की कृपा से स्वयं को सुरक्षित करें और जीवन में साहस, शक्ति और विजय प्राप्त करें। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से कोलकत्ता के कालीघाट मंदिर में होने वाले इस विशेष पूजा में भाग लेकर मां काली और भगवान हनुमान का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।