सनातन धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन नकारात्मक ऊर्जाएं अपने चरम पर होती हैं। यही कारण है कि इस दिन मां दुर्गा की पूजा को अत्यंत शुभ और प्रभावी माना जाता है। मां दुर्गा को नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली परम शक्ति माना गया है। पौराणिक कथाओं में वर्णन है कि मां दुर्गा ने असुरों का संहार कर ब्रह्मांड की रक्षा की थी। मान्यता है कि अमावस्या के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इसी कारणवश दर्श अमावस्या पर काशी के श्री दुर्गा कुंड मंदिर में 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नवचंडी महाहवन का आयोजन किया जा रहा है। हिंदु धर्म में, मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवार्ण मंत्र का जाप को सबसे प्रभावशाली माना गया है। माना जाता है कि नवार्ण मंत्र का जाप करने से व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है।
यदि नवार्ण मंत्र के जाप के साथ दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन भी किया जाए तो यह अंत्यत और कई गुना अत्यधिक फलदायी हो सकता है। कहा जाता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से एक दैवीय ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और देवी दुर्गा द्वारा मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह अनुष्ठान काशी में स्थित श्री दुर्गा कुंड मंदिर में किया जाएगा। यह सिद्ध मंदिर काशी के प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का उल्लेख स्कन्द पुराण के काशी खंड में भी पाया जाता है। इस मंदिर में माँ दुर्गा यंत्र के रूप में विराजमान है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की शुंभ-निशुंभ जैसे असुरों का वध करने के बाद मातारानी दुर्गा ने यहाँ विश्राम किया था। इसलिए इस मंदिर में यह अनुष्ठान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति हो सकती है। श्री मंदिर के माध्यम से दर्श अमावस्या पर होने वाले इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और माँ दुर्गा द्वारा सफलता और मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।