इस अक्षय तृतीया पर भगवान नारायण और देवी लक्ष्मी को अपने घर में आमंत्रित करके अपने जीवन में अनंत समृद्धि को आमंत्रित करें।🙏🌺
🛕 पवित्र तिरुपति बालाजी क्षेत्र में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठानों में भाग लें और जीवन में अनंत धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🌿
अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे पवित्र दिनों में से एक है। अक्षय शब्द का अर्थ है "अविनाशी" या "शाश्वत", अर्थात इस दिन शुरू की गई या खरीदी गई कोई भी चीज़ - चाहे वह सोना, आभूषण, संपत्ति, वाहन या नया घर हो - फलती-फूलती रहती है और कभी भी इसके मूल्य में कमी नहीं आती है। किंवदंती के अनुसार, पांडवों के वनवास के दौरान, भगवान कृष्ण उनसे मिलने आए थे। द्रौपदी, जिन्हें उनके आगमन का पता नहीं था, अचनाक से उन्हें देखकर विनम्रतापूर्वक श्री कृष्ण के चरणों में नतमस्तक हो गई। उनकी भक्ति से प्रेरित होकर, कृष्ण ने उनके भोजन के पात्र से कुछ कण एक पात्र में डालें और द्रौपदी को अक्षय पात्र का आशीर्वाद दिया - एक ऐसा दिव्य पात्र जिसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होगा। यह अक्षय पात्र अनंत प्रचुरता का प्रतीक है। इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर उन्हें अर्पित किए गया प्रसाद कई गुना फल देता हैं और यह निरंतर धन, शांति और आध्यात्मिकता को आमंत्रित करता है। इस शक्तिशाली अवसर को और विशेष बनाने के लिए, श्री मंदिर लक्ष्मी-नारायण व्यापार वृद्धि पूजा का आयोजन कर रहा है, साथ ही श्री सूक्त पाठ और कनकधारा स्तोत्र पाठ - आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक पवित्र भजन, जो जीवन में अनंत धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए पूजनीय है।
🌸 इस अनुष्ठान में मंत्रों का दिव्य जाप होगा, जिसका वर्णन स्वयं देवी लक्ष्मी ने किया है।📜 🌺
श्री सूक्त, देवी लक्ष्मी द्वारा निर्मित एक शक्तिशाली वैदिक स्त्रोत है, जो ऋग्वेद में पाया जाता है। यह कई अनुष्ठानों का अभिन्न अंग है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान, देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को वरदान दिया था - कि जो लोग इस स्त्रोत का संपूर्ण भक्ति के साथ जप करेंगे, उन्हें हमेशा समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा। दिव्य ऊर्जा से परिपूर्ण तिरुपति तीर्थ क्षेत्र में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा किए जाने वाले ये अनुष्ठान अत्यधिक शुभ और आध्यात्मिकता का प्रतीक माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर विष्णु का एक रूप हैं, जो कलियुग में मानव जाति के कल्याण के लिए यहाँ निवास करते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से इस शक्तिशाली अक्षय तृतीया पूजा में भाग लें और जीवन में अनंत धन और समृद्धि का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें। माना जाता है कि उनकी कृपा से व्यवसाय, करियर और जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता, समृद्धि और सौभाग्य के द्वार खुलते हैं।