🌙 जानें, आखिर क्यों चंद्रमा को माना जाता है मन का नियंत्रक? 🧠✨
🕉️ चंद्रमा की ऊर्जा को शांत करने के लिए क्यों महत्वपूर्ण है भगवान शिव की पूजा? 🔱🌺
हिंदू धर्म में, चंद्रमा को मन का नियंत्रक माना जाता है, जो भावनाओं, अंतर्ज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जिस तरह सूर्य जीवन शक्ति और शारीरिक ऊर्जा को नियंत्रित करता है, उसी प्रकार चंद्रमा भावनात्मक संतुलन और आंतरिक शांति को प्रभावित करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में शुभ स्थिति में स्थित चंद्रमा मानसिक स्पष्टता, आत्मविश्वास और भावनात्मक शक्ति प्रदान करता है, जबकि पीड़ित चंद्रमा भय, बेचैनी, मनोदशा में उतार-चढ़ाव और भ्रम उत्पन्न कर सकता है। चंद्रमौलेश्वर के रूप में भगवान शिव की पूजा करना, जो अपने मस्तक पर चंद्रमा को सुशोभित करते हैं, चंद्र दोष को शांत करने और भावनात्मक संतुलन को बहाल करने के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय माना जाता है। शिव के मस्तक पर स्थित अर्धचंद्र मन और भावनाओं पर उनके पूर्ण नियंत्रण का प्रतीक है, जो दर्शाता है कि उनकी कृपा से चंद्र दोष के नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं और आंतरिक स्थिरता प्राप्त होती है। भगवान शिव को सर्वोच्च उपचारक के रूप में जाना जाता है, जो चंद्र दोष के कारण उत्पन्न नकारात्मकता, भ्रम और मानसिक अशांति को दूर करते हैं।
चंद्र ऊर्जा को संतुलित करने और भावनात्मक अशांति को शांत करने के लिए, सोमेश्वर महादेव मंदिर में "मन का उपचार" एवं "भावनात्मक संतुलन" विशेष - 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप पूजन और सोमेश्वर महादेव शिव रुद्राभिषेक का आयोजन कर रहा है, जो चंद्रमा की शक्ति से गहराई से जुड़ा हुआ स्थल है। भगवान शिव को समर्पित सोमवार को आयोजित की जाने वाली यह पवित्र पूजा भावनाओं को स्थिर करने, भय को दूर करने और मानसिक शांति और स्पष्टता को बढ़ावा देने के लिए मानी जाती है। 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप पूजन मन को चंद्रमा की सकारात्मक ऊर्जा के साथ जोड़ता है, जिससे मानसिक उपचार और भावनात्मक स्थिरता को बढ़ावा मिलता है। वहीं सोमेश्वर महादेव शिव रुद्राभिषेक पीड़ित चंद्रमा को शांत करने, शांति, स्पष्टता सुनिश्चित करने और भावनात्मक अशांति से सुरक्षा के लिए एक अत्यधिक प्रभावी अनुष्ठान है। इसके अतिरिक्त, दूध, सफेद फूल और चावल चढ़ाने सहित चंद्र ग्रह शांति अनुष्ठान सकारात्मकता, अंतर्ज्ञान और भावनात्मक कल्याण को और बढ़ाते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र पूजा में भाग लेकर, भक्त भगवान शिव और चंद्र देव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जिससे भय दूर करने और भावनात्मक और मानसिक स्थिरता बहाल करने में मदद मिलती है।