आखिर बुधवार क्यों है गणपति उपासना का दिव्य दिन?
बुधवार का दिन भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। माता पार्वती ने जिस दिन भगवान गणेश को अपने दिव्य संकल्प से निर्मित किया था, उस दिन कैलाश पर्वत पर बुधदेव भी उपस्थित थे। जब उन्होंने प्रथम पूज्य गणपति के दर्शन किए, तो अत्यंत प्रसन्न होकर अपना दिन बुधवार भगवान गणेश को समर्पित कर दिया। तभी से इस दिन विशेष रूप से श्री गणेश की पूजा का महत्व स्थापित हो गया। काशी, जो स्वयं भगवान शिव की नगरी है, वहां गणेश जी की आराधना का विशेष प्रभाव माना जाता है। बुधवार के दिन विघ्नहर्ता गणपति को प्रसन्न करने और उनके कृपा प्रसाद से समस्त विघ्नों का नाश करने हेतु भक्त विभिन्न विधियों से पूजा-अर्चना करते हैं।
कर्ज मुक्ति का सबसे प्रभावशाली उपाय है ऋण नाशक गणेश स्तोत्र
शास्त्रों के अनुसार, ऋण नाशक गणेश स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को कर्ज से मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह दिव्य स्तोत्र न केवल धन की प्रचुरता को आकर्षित करता है, बल्कि जीवन से आर्थिक अस्थिरता और दरिद्रता भी समाप्त करता है। भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता, सुखकर्ता और दुखहर्ता के रूप में पूजित हैं, अपने भक्तों के समस्त संकटों को हर लेते हैं। उनके 1008 दिव्य नामों का जाप कर प्रत्येक नाम के साथ दूर्वा चढ़ाने से अपार शुभता और अनंत कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसी कारण बुधवार के दिन 1008 नाम के जाप समेत भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व है। भगवान गणेश की कृपा से ऋण मुक्ति और धन की प्रचुरता प्राप्त करने के लिए काशी के चिंतामणि गणेश मंदिर में श्री गणेश के ऋण नाशक गणेश स्तोत्र पाठ और 1008 गणेश दूर्वा अर्चना का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह दिव्य अनुष्ठान न केवल आर्थिक संकटों को दूर करने में सहायक होगा, बल्कि जीवन में स्थायी समृद्धि और सौभाग्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पुण्य अवसर पर भाग लें और भगवान गणेश की कृपा से अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भरें।