🚩क्या है माता लक्ष्मी और 6 अंक के बीच का संबंध ?🛕
😲16 ब्राह्मणों द्वारा ही क्यों किया जा रहा है ये महानुष्ठान ?🚩
धन की देवी मां लक्ष्मी को शुक्रवार का दिन अति प्रिय है। इस दिन साधक भक्ति भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इसलिए इस शुभ दिन पर 16 ब्राहम्णों द्वारा एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जिससे माता लक्ष्मी के साथ नारायण की कृपा भी प्राप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, संस्कृत में धन की देवी माता लक्ष्मी को श्री कहा गया है, जिसका अर्थ है, सभी शुभ गुणों का अवतार। वहीं ऋग्वेद में वर्णित 16 श्लोक वाले श्री सूक्तम पाठ को देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे लाभकारी माना जाता है। इसलिए शुक्रवार के दिन 16 ब्राह्मणों द्वारा 1600 बार श्री सूक्तम पाठ का आयोजन किया जा रहा है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, 6 अंक का संबध मां लक्ष्मी से है। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन यह पूजा करने से मां लक्ष्मी द्वारा धन, वैभव और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, श्री सूक्तम का पाठ करने से जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और मां लक्ष्मी अपने भक्त की स्वंय ऋण, धन हानि जैसी समस्याओं से रक्षा करती है।
इसके अलावा, मां लक्ष्मी संग नारायण का दिव्य आशीष प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी नारायण पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों को व्यापार और नौकरी में धन की कमी महसूस होती है, उन्हें लक्ष्मी नारायण (विष्णु) की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही सुदर्शन हवन, धन के सर्वोच्च देवता के हाथों में सुदर्शन चक्र की शक्ति का आह्वान करता है। यह सभी तरह के कष्टों को दूर करने के लिए किया जाने वाला अग्नि अनुष्ठान है। इसलिए शुक्रवार के दिन दक्षिण भारत के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में 1600 श्री सूक्तम पाठ, लक्ष्मी नारायण पूजन एवं सुदर्शन हवन का आयोजन किया जा रहा है। यह विशेष अनुष्ठान 16 ब्राह्म्णों द्वारा पूर्ण विधि विधान के साथ संपन्न किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें और जीवन में ऋण मुक्ति एवं धन की प्रचुरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।