🚩 इस हनुमान जयंती भगवान हनुमान से अपनी सभी परेशानियों के समाधान पाने का अवसर न चूकें।
🛕 भगवान हनुमान के घर कहे जाने वाले हनुमान गढ़ी मंदिर और श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर में आयोजित विशेष पूजा के पुण्य के भागी बनें।
सनातन धर्म में भगवान हनुमान जी को उनकी अद्वितीय शक्ति, साहस और भक्ति के लिए पूजा जाता है। परंतु ऐसा कहा जाता है कि अपनी शक्तियों के सही प्रयोग और उद्देश्य का आभास होने से पूर्व वे स्वयं भी लक्ष्यहीन थे। उन्हें अपनी अपार शक्तियों के महत्व और उनके उचित प्रयोग का ज्ञान तब हुआ जब उन्हें भगवान राम के बारे में ज्ञात हुआ। तभी उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित किया कि वे भगवान राम के अनन्य सेवक और रक्षक बनकर सदैव उनकी सेवा में समर्पित रहेंगे। यह धारणा है कि भगवान राम के माध्यम से ही हनुमान जी को अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य का बोध हुआ। इसीलिए ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भाव से राम स्तुति का जाप करता है, वह अपने जीवन में कभी भी लक्ष्यहीन महसूस नहीं करता। विशेषकर हनुमान जी के जन्मोत्सव, अर्थात हनुमान जयंती के दिन, उनकी उपासना करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन किए गए अनुष्ठान अत्यंत फलदायी होते हैं।
भगवान हनुमान की यह उपासना और भी अधिक प्रभावी हो, इसीलिए हनुमान जयंती के इस शुभ संयोग पर भगवान हनुमान जी का घर कहे जाने वाले श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में 11,000 हनुमान मूल मंत्र जाप और यज्ञ तथा श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर में राम स्तुति जैसे विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। यदि अज्ञात शत्रु आपकी उन्नति में बाधा बन रहे हैं, अथवा लाख प्रयासों के बावजूद यह समझ नहीं आ रहा कि जीवन का उद्देश्य क्या है और आगे क्या करना चाहिए, तो इन विशिष्ट अनुष्ठानों के माध्यम से अपनी परेशानियों का समाधान प्राप्त कर सकते हो।
🛕 श्री हनुमान गढ़ी मंदिर: जहां आज भी भगवान हनुमान जी के होने के मिलते हैं प्रमाण 🚩
हनुमान गढ़ी मंदिर और श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर, अयोध्या के अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। यह मंदिर भगवान हनुमान की अद्वितीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। जहां एक ओर श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर के द्वारपाल स्वयं हनुमान जी हैं, वहीं हनुमान गढ़ी मंदिर को उनका निवास स्थान माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि लंका विजय के पश्चात भगवान राम ने हनुमान जी को यह स्थान निवास हेतु प्रदान किया था। जिसके बाद इस स्थान को हनुमान गढ़ी के नाम से जाना गया। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने अपने राज्य की सुरक्षा का दायित्व हनुमान जी को सौंपा था। कहा जाता है कि चूंकि हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है, इसलिए वे आज भी अपने भक्तों और अयोध्या नगरी की रक्षा कर रहे हैं। हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर यहां पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन इन पवित्र मंदिरों में विधिपूर्वक पूजन करने से समस्त कष्ट और बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं।
आप भी हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर इन पवित्र मंदिरों में हनुमान जी को समर्पित विशेष अनुष्ठानों में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने एवं जीवन का उद्देश्य खोजने का आशीर्वाद प्राप्त करें।