चातुर्मास के बाद शुरू होने वाले मार्गशीर्ष माह को विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस माह को विवाह काल उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, इस उत्सव के दौरान मंगलवार के दिन मांगलिक दोष निवारण पूजा करना अत्यंत प्रभावशाली हो सकता है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह का विशेष महत्व है। मंगल ग्रह को ऊर्जा, शक्ति, साहस, और संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। मांगलिक दोष, जिसे मंगल दोष के रूप में भी जाना जाता है, यह मंगल ग्रह की से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल के कुछ घरों में स्थित होने से यह दोष हो सकता है। मांगलिक दोष को विशेष रूप से अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह विवाह में विलंब के साथ वैवाहिक जीवन में कई अनचाही बाधाएं उत्पन्न करता है। यह दोष पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर संघर्ष और विवाह में देरी होती है। ज्योतिष शास्त्र में इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा और श्री मंगलनाथ महाभिषेक करना अत्यधिक लाभकारी बताया गया है।
इसलिए श्री मंदिर द्वारा उत्सव काल के दौरान मंगलवार के दिन श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर में मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा एवं श्री मंगलनाथ महाभिषेक में आयोजन किया जा रहा है। मत्स्य पुराण के अनुसार, भगवान शिव और राक्षस अंधकासुर के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध के दौरान, भगवान शिव के पसीने की एक बूंद जमीन पर गिरी, जिसके परिणामस्वरूप मंगल ग्रह का जन्म हुआ। मंगल ने राक्षस के शरीर से सारा खून सोख लिया और लाल हो गया। युद्ध के बाद सभी देवताओं ने उसी स्थान पर एक शिवलिंग की स्थापना की और उसका नाम मंगलनाथ महादेव रखा। यह मंदिर उज्जैन में स्थित है, जिसे 'मंगल का जन्मस्थान' कहा जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा एवं श्री मंगलनाथ महाभिषेक करने से मनचाहा जीवनसाथी पाने का आशीर्वाद मिलता है और मंगल दोष से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है। इसलिए श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और मंगलनाथ महादेव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।