🚩बाब श्याम की भक्ति से करें नए दौर की शुरुआत और पुरानी परेशानियों का अंत🙏✨
🙏✨ इस अक्षय तृतीया हारे के सहारे पर भरोसा कर बदलें अपना व्यापारिक भाग्य 🚩
व्यवसाय में लगातार नुकसान होना, पैसों की कमी रहना और कोई भी काम ठीक से न बन पाना, ये सब समस्याएं अगर लंबे समय तक चलती रहें, तो जीवन में गरीबी और निराशा का कारण बन सकती हैं। हमारे सनातन धर्म में इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बाबा श्याम की भक्ति और उनकी कृपा का बड़ा महत्व बताया गया है। बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से उनका नाम लेता है, उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। उन्हें कलयुग का श्रीकृष्ण भी कहा जाता है और अक्षय तृतीया के दिन उनकी पूजा का खास महत्व है। दरअसल, अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, यानी इस दिन कोई भी शुभ काम करने के लिए पंचांग या ज्योतिष की सलाह की जरूरत नहीं होती। यह दिन अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है। इसे अखा तीज भी कहते हैं और यह सनातन धर्म के सबसे शुभ दिनों में से एक है। अक्षय का मतलब होता है कभी खत्म न होने वाला। इसलिए इस दिन किया गया कोई भी काम, पूजा या दान-पुण्य हमेशा फलदायी होता है और उसका असर लंबे समय तक बना रहता है।
शास्त्रों के अनुसार, इसी पावन तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र प्रदान किया था, जिससे कभी भी अन्न समाप्त नहीं होता था। इसीलिए अक्षय तृतीया को दरिद्रता के नाश और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है। इस दिव्य दिन के प्रभाव को और अधिक फलदायी बनाने के लिए भक्तजन विशेष अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं। इनमें बाबा श्याम को समर्पित ‘अक्षय तृतीया व्यापार विकास यज्ञ’ एवं ‘बाबा श्याम श्रृंगार सेवा’ प्रमुख हैं। ऐसा विश्वास है कि अक्षय तृतीया के दिन बाबा श्याम की कृपा से भक्त अपने रुके हुए कार्यों में पुनः प्रगति देख सकते हैं। आप भी इस स्वर्णिम अवसर को हाथ से जाने न दें और हारे के सहारे, अर्थात बाबा श्याम से अपने व्यवसाय एवं व्यापार में वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस अनुष्ठान को दुगुना फलदायी बनाने के लिए यह विशेष आयोजन उज्जैन स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर में किया जा रहा है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस यज्ञ और सेवा में भाग लें और बाबा श्याम की कृपा से अपने जीवन में धन, समृद्धि और सफलता को आमंत्रित करें।