😲 क्या आपको भी आता है ज्यादा गुस्सा? जिसकी वजह से बार-बार जीवन में हो रहे हैं विवाद
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है। यदि मंगल शुभ हो तो व्यक्ति निडर और आत्मविश्वासी बनता है, लेकिन यदि अशुभ हो तो गुस्सा, झगड़े और तनाव बढ़ सकता है। खासकर सातवें भाव में मंगल होने से विवाह में बाधाएं आ सकती हैं, और पहले भाव में मंगल होने से व्यक्ति ज्यादा आक्रामक हो सकता है। यही कारण है कि अशुभ मंगल जीवन में शत्रुता और संघर्ष को बढ़ा सकता है।
मंगल व हनुमान जी के बीच क्या है खास संबंध
मंगल के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए भगवान हनुमान की पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है। हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी माना गया है और उनकी कृपा से व्यक्ति का स्वभाव शांत होता है और गुस्से में कमी आती है। जिससे जीवन में स्थिरता का संचालन होता है। शत्रुंजय हनुमत स्तोत्रम् एक विशेष मंत्र है, जिसे पढ़ने से सभी शत्रु, बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने भी रावण से युद्ध करने से पहले इस स्तोत्र का पाठ किया था।
मंगलवार को ही भगवान हनुमान की पूजा को क्यों माना जाता है विशेष रूप से मंगलकारी?
मान्यता है कि अगर यह अनुष्ठान मंगलवार को किया जाए तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार मंगलवार के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस वजह से यह दिन उनकी पूजा के लिए समर्पित है। वहीं, मंगलवार का दिन मंगल ग्रह को भी समर्पित है। इसलिए उज्जैन में स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में मंगलवार को 7000 मंगल ग्रह शांति मंत्र जाप एवं शत्रुंजय हनुमत स्तोत्रम् हवन का आयोजन किया जा रहा है। अगर आप भी अपने गुस्से को कम करने में असमर्थ महसूस करते हैं या लाख कोशिशों के बाद भी आक्रामक होकर अपने कामों को खराब कर लेते हैं, तो आप इस विशेष पूजा के माध्यम से अपने भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करके अपने स्वभाव में शालीनता लाकर खुद को शांत कर सकते हैं। तो देर न करें, श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें व जीवन में संघर्षों को सुलझाने के लिए क्रोध और आक्रामकता पर काबू पाने का आशीर्वाद प्राप्त करें।