🔱 अक्षय तृतीया पर जागृत करें अपना भाग्य — 11,000 महालक्ष्मी मंत्रों से खोलें धन और समृद्धि के द्वार 💰✨
अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार सबसे पवित्र और शुभ तिथियों में से एक मानी जाती है। "अक्षय" का अर्थ होता है—जो कभी क्षय न हो, अर्थात इस दिन आरंभ किया गया कोई भी कार्य, खरीदी गई वस्तु या किया गया अनुष्ठान सदा फलदायी होता है। चाहे वह सोना हो, आभूषण हो, भूमि या नया घर हो, इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य दीर्घकालिक समृद्धि और शुभ परिणाम देता है। मान्यता है कि इसी तिथि से त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा गया है, जिसका अर्थ है कि इस दिन किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए ज्योतिषीय परामर्श की आवश्यकता नहीं होती। यह तिथि स्वयं में ही अत्यंत मंगलकारी और सिद्ध होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन भारत के सबसे शक्तिशाली धन तीर्थस्थलों में से एक, शक्तिपीठ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर (कोल्हापुर) में माँ लक्ष्मी को समर्पित विशेष अनुष्ठान करने से भक्तों को दीर्घकालिक समृद्धि, सौभाग्य और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में विराजित माता लक्ष्मी, अपने भक्तों के घर-परिवार एवं व्यवसाय में पैसों की तंगी तथा दरिद्रता को नष्ट कर देती हैं।
कहते हैं इस मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से माता लक्ष्मी अपने भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी करती हैं। यही कारण है कि आर्थिक समृद्धि बनाए रखने के लिए श्री महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में की जाने वाली पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर देवी लक्ष्मी को अर्पित की गई पूजा और भक्ति कई गुना फल देती है, और इससे जीवन में स्थायी धन, शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। इसीलिए अक्षय तृतीया के शुभ मूहूर्त में श्री मंदिर द्वारा शक्तिपीठ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप के साथ अक्षय तृतीया धन जागृति समारोह का आयोजन किया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किया गया महालक्ष्मी मंत्र जाप आर्थिक कष्टों को दूर करता है और दीर्घकालिक समृद्धि के नए द्वार खोलता है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पुण्य अनुष्ठान में भाग लें और माँ लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में अक्षय सुख, शांति और समृद्धि का स्वागत करें।