🤔 हनुमान जयंती पर सिर्फ हनुमान जी ही नहीं, बल्कि भैरव बाबा और माँ काली की कृपा कैसे पाएं?
वैदिक पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन संकटमोचन हनुमान जी को समर्पित है, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं। हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। माता अंजना और वानरराज केसरी के पुत्र हनुमान को भगवान शिव के अवतार माना जाता है। इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा-आराधना करके उनसे शक्ति, सुरक्षा और सभी विघ्नों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
हालाँकि, चैत्र पूर्णिमा का महत्व सिर्फ हनुमान जी तक सीमित नहीं है। पूर्णिमा का दिन अपने आप में बहुत पावन माना जाता है, इसलिए इस दिन भैरव बाबा और माँ काली की पूजा भी विशेष फलदायी होती है। सनातन धर्म में बाबा भैरव और महाकाली को इनके उग्र रूप के लिए जाना जाता है। चैत्र पूर्णिमा पर इनकी पूजा हनुमान जी के साथ करने से आध्यात्मिक सुरक्षा और कृपा की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी ने भगवान राम के प्रति अपनी अटूट भक्ति, अदम्य साहस और बुद्धिमत्ता से अपने सभी भक्तों को मोहित किया है। रामायण में भगवान राम ने हनुमान जी की ही सहायता से रावण का वध करके माता सीता को मुक्त कराया। यह हनुमान जी की शक्ति को दर्शाता है। हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा करने से बाधाएँ दूर होती हैं, संकटों से रक्षा होती है और सदा के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, भैरव बाबा, जिन्हें काशी का कोतवाल माना जाता है, भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से बचाते हैं। माँ काली का उग्र रूप बुरी शक्तियों का नाश करके भक्तों को चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
इसलिए, इस हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर, कोलकाता के शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में "श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ" का आयोजन किया जा रहा है। इस पवित्र अनुष्ठान में हनुमान जी, भैरव बाबा और माँ काली की दिव्य शक्तियों का आह्वान किया जाएगा। इस यज्ञ से उत्पन्न हुई सकारात्मक और शक्तिशाली ऊर्जा से सभी भक्तों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित होगा।