कानूनी विवादों को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनी दूर करने के लिए  36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ
कानूनी विवादों को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनी दूर करने के लिए  36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ
कानूनी विवादों को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनी दूर करने के लिए  36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ
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कानूनी विवादों को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनी दूर करने के लिए  36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ
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एकादशी नारायण-बगलामुखी महापाठ संयुक्त यज्ञ

36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ

कानूनी विवादों को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनी दूर करने के लिए
temple venue
सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर, दीर्घ विष्णु मंदिर, हरिद्वार, मथुरा
pooja date
23 May, Friday, ज्येष्ठ एकादशी
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srimandir devotees
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ఇప్పటి వరకు3,00,000+భక్తులుశ్రీ మందిర్ సేవా నిర్వహించిన పూజలలో పాల్గొన్నాను.

कानूनी विवादों को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनी दूर करने के लिए 36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ

🚩एकादशी पर नारायण और बगलामुखी की संयुक्त पूजा क्यों मानी जाती है विशेष?

😲क्या है इनकी संयुक्त पूजा के पीछे का रहस्य❓

हिंदू धर्म में एकादशी का धार्मिक महत्व होता है, यह दिन भगवान विष्णु यानि नारायण को समर्पित होता है। मां बगलामुखी एवं नारायण के बीच गहरा संबंध है, पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि देवी बगलामुखी के प्रादुर्भाव का कारण नारायण ही हैं। दरअसल, सतयुग में एक असुर था, जिसका नाम मदन था। उसने ब्रह्मा जी से वरदान पाया था कि वो अपराजेय रहेगा। जिसके कारण मदन असुर ने तीनों लोकों में आतंक मचा दिया। उसकी शक्ति से भयभीत होकर सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और उनसे मदद की प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने बताया कि मदन असुर का अंत करने के लिए उन्हें देवी बगलामुखी की आराधना करनी होगी। इसके लिए स्वयं भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर (पीले जल का सरोवर) के किनारे तपस्या शुरू की। विष्णु जी की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी बगलामुखी प्रकट हुईं और उन्होंने मदन असुर का वध किया। उनके वध के बाद सभी देवताओं और ऋषि-मुनियों ने देवी बगलामुखी की स्तुति की और उन्हें विजयश्री का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

यही कारण है कि मां बगलामुखी को न्याय, विजय और शत्रुओं के नाश की देवी माना जाता है। देवी के दस महाविद्या स्वरुप में से एक हैं माँ बगलामुखी। हरिद्रा सरोवर से उत्पन्न होने के कारण इन्हें पीताम्बरा भी कहा जाता है। ये पीली आभा से युक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है। इनको स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है। उनकी आराधना से व्यक्ति को अद्भुत शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है, जो भक्तों को किसी भी प्रकार के कानूनी विवाद को सुलझाने, जीत सुनिश्चित करने और दुश्मनों से मुक्ति पाने में सहायक होता है। वहीं इसके साथ किया गया सुदर्शन कवचम् यज्ञ शत्रुओं पर विजय के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। 'सुदर्शन चक्र' का वर्णन ऋग्वेद में भगवान विष्णु के प्रतीक एवं समय के चक्र के रूप में किया गया है। यह भगवान विष्णु का वो अस्त्र है जो एक बार छोड़े जाने पर शत्रु का वध करके ही वापस लौटता है। यही कारण है कि एकादशी के शुभ अवसर पर 36,000 माँ बगलामुखी मंत्र जाप सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर, हरिद्वार में एवं नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ का आयोजन श्री दीर्घ विष्णु मंदिर,मथुरा में किया जा रहा है। श्री मंदिर द्वारा इस विशेष पूजा में भाग लें और देवी बगलामुखी के साथ नारायण का संयुक्त आशीष पाएं।

सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर, दीर्घ विष्णु मंदिर, हरिद्वार, मथुरा

सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर, दीर्घ विष्णु मंदिर, हरिद्वार, मथुरा
विश्व विख्यात धर्मनगरी हरिद्वार में कई पौराणिक स्थान हैं, जिनकी चर्चा धार्मिक ग्रंथों में की गई है। हरिद्वार एक तीर्थ स्थल है, जहां पर लोग देश विदेश से तीर्थ यात्रा करने आते हैं। इनमें से एक है मां बगलामुखी धाम। दस महाविद्या में से आठवीं महाविद्या बगलामुखी को समर्पित है यह हिंदू मंदिर। स्वामी अशोक रुद्र जी महाराज ने उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के श्यामपुर गाँव में हरिद्वार में पहली बार श्री बगलामुखी देवी का मंदिर बनाने का निर्णय लिया। साल 2012 में इस मंदिर के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी गई। हरिद्वार का यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो जीवन में विघ्नों का सामना कर रहे हों और अधिकार, विजय तथा संरक्षण प्राप्त करना चाहते हों। भक्तों का मानना है कि मनोकामनाओं की पूर्ति यहां होती है।

वहीं, मथुरा में स्थित भगवान विष्णु का ये मंदिर दीर्घ विष्णु मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसके बारे में बताया जाता है कि ये मंदिर कृष्ण काल का है। इस मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा पूरे भारत में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है। श्री दीर्घ विष्णु मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां श्रद्धा से जो भी व्यक्ति सिर झुकाता है उसके सारे दुख श्री हरि स्वयं हर लेते हैं। वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का वर्णन देखने को मिलता है। पुराणों में, श्री विष्णु कहते हैं कि इस पृथ्वी, अंतरिक्ष और पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा के समान मुझे प्यारा हो। 4500 साल पहले इसकी स्थापना हुई थी, जिसका निर्माण श्रीकृष्ण के छ: भुजा स्वरूप को याद करने और यमुना के तीर्थ प्रयाग को बचाने के लिए किया गया था। यहां स्थित भगवान, श्री कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने कंस के वध के समय लिया था।

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर, दीर्घ विष्णु मंदिर में भगवान नारायण एवं बगलामुखी को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर, दीर्घ विष्णु मंदिर में भगवान नारायण एवं बगलामुखी को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

సమీక్షలు & రేటింగ్స్

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