भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान है, जो लोग इनकी पूजा करते हैं वे सभी परेशानियों व बाधाओं से मुक्त हो जाते हैं। भगवान हनुमान को समर्पित बजरंग बाण एक शक्तिशाली पाठ है, जिसके जाप से जीवन में शक्ति एवं साहस की प्राप्ति होती है। वहीं सुंदरकांड पाठ करने से भय से मुक्ति मिलती है और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की उपासना के साथ भोग लगाने का विशेष महत्व है। हनुमान जी को भी कई तरह की चीजें चढ़ाई जाती हैं, जिनमें तुलसी सबसे महत्वपूर्ण है।
इस प्रथा के पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है, कहते हैं कि एक बार माता सीता ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में खाना बना रही थीं, तो हनुमान जी भूख व्यक्त करते हुए पहुंचे। माता सीता ने उन्हें भोजन परोसा, लेकिन सब कुछ खाने के बावजूद हनुमान की भूख शांत नहीं हो रही थी, यहां तक कि भंडार भी खाली हो गया था। श्री राम के सुझाव पर माता सीता ने हनुमानजी को भोजन के साथ एक तुलसी का पत्ता दिया। जैसे ही उन्होंने तुलसी पत्ता ग्रहण किया, उनकी भूख शांत हो गई। तभी से हनुमान जी के प्रसाद में तुलसी के पत्ते शामिल करने की परंपरा चलती आ रही है। तुलसी के साथ-साथ बेसन के लड्डू भी हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है। मंगलवार के शुभ दिन पर अयोध्या के श्री प्राचीन राजद्वार मंदिर में आयोजित होने वाले बजरंग बाण एवं सुंदरकांड पाठ में भाग लें और जीवन से कष्टों को दूर करने का आशीष पाएं।