भगवान गणेश को सौभाग्य, समृद्धि और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था, यही वजह है कि इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पर भगवान गणेश के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जो अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई वैवाहिक जीवन में संघर्ष और समस्याओं का सामना कर रहा है, तो गणेश चतुर्थी पर मोहन गणपति की पूजा करना बहुत फायदेमंद माना जाता है।
मोहन गणपति भगवान गणेश के कई रूपों में से एक हैं, और ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के शुभ दिन इस रूप की पूजा करने से भक्तों को रिश्तों में आनंद मिलता है। भगवान गणेश के सभी रूपों में से, मोहन को सबसे सुंदर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी पर मोहन गणपति होम करने से भक्तों को संघर्षों का समाधान और रिश्तों में आनंद की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, मोदक भगवान गणेश को बहुत प्रिय है, और इस पूजा के दौरान मोदक का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस भोग से गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं। इसलिए, गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पर, तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में मोहन गणपति होम का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान मोहन गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करें।