ज्योतिषियों के अनुसार, काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सपने में सांप और मृत व्यक्ति दिखाई देने लगते हैं और उन्हें मानसिक अस्थिरता, पारिवारिक कलह, बुरी आदतों की लत, आर्थिक तंगी और निर्णय लेने में कठिनाई, भय जैसी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। काल सर्प दोष तब होता है जब कुंडली में सभी सातों ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष को ज्योतिष विद्या में सबसे अशुभ योगों में से एक माना गया है। भगवान शिव को राहु और केतु का देवता माना जाता है और माना जाता है कि उनकी पूजा करने से इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दोष से राहत प्राप्त करने के लिए बुधवार के दिन काल सर्प दोष शांति पूजा करना चाहिए, क्योंकि बुधवार का दिन केतु को समर्पित है। इसलिए श्री मंदिर द्वारा बुधवार यानी केतु के दिन पौड़ी में स्थित राहु पैठाणी मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा एवं शिव रुद्राभिषेक का आयोजन कराया जा रहा है। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह देश के उन राहु मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव के साथ राहु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से काल सर्प दोष से राहत मिलती है, क्योंकि काल सर्प दोष राहु और केतु ग्रह के कारण होता है और राहु एवं केतु दोनों ही भगवान शिव के उपासक हैं। कहते हैं कि इस मंदिर में पूजा करने से राहु के साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है। यही कारण है कि यह पूजा राहु पैठाणी मंदिर में आयोजित की जा रही है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लेकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।