सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों के लिए सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों की मानें तो पितृ पक्ष की अवधि के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की सभी तिथियों का अपना अलग महत्व होता है, जिसमें से एक है अष्टमी तिथि। इसे श्राद्ध अष्टमी भी कहते हैं। इस तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु कैलेंडर के अनुसार, किसी भी अष्टमी तिथि को हुई हो। हिंदु धर्म में पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए कई तरह के अनुष्ठान एवं श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, जिनमें से एक है त्रिपिंडी श्राद्ध। त्रिपिंडी श्राद्ध में पिछले तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को पिंड अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि त्रिपिंडी श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। हिंदु धर्म में, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करना भी लाभकारी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पिंड दान करने पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यदि यह पूजा मोक्ष नगरी काशी के पिशाच मोचन कुंड में की जाए तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, पिशाच मोचन कुंड पर पितृ के निमित्त श्राद्ध करने का अधिक महत्व है। वहीं काशी खंड के अनुसार, पिशाच मोचन मोक्ष तीर्थस्थल की उत्पत्ति मां गंगा के धरती पर अवतरण से भी पहले की है। सदियों से देश भर से भक्त अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध और पिंड दान करने के लिए इस कुंड में आते हैं। इसलिए पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर काशी के पिशाच मोचन कुंड में त्रिपिंडी श्राद्ध और पिंड दान का आयोजन किया जा रहा है। अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।