हिंदु धर्म ग्रंथ के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दौरान भोलेनाथ भक्तों की पूजा से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रावण के महीने में माता पार्वती ने तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया था, इसलिए यह मास भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह श्रावण सोमवार में भगवान शिव के रुद्राभिषेक से प्राप्त होता है। वहीं इस पवित्र माह में एक साथ कई शिवालयों में रुद्राभिषेक किया जाए तो हजार गुना अत्यधिक फल की प्राप्ति हो सकती है। तो आइए जानें श्रावण के सोमवार के दिन इन विभिन्न शिवालयों में रूद्राभिषेक का महत्व इस प्रकार है:
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश: ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12वें ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहां रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन धान्य का आशीष मिल सकता है।
महामृत्युंजय महादेव मंदिर, काशी: काशी के महामृत्युंजय मंदिर में रूद्राभिषेक के द्वारा आरोग्य की प्राप्ति यानि अच्छे सेहत की कामना की जाती है। यह देश का एकलौता मंदिर है जहां महादेव, मृत्युंजय रूप में विराजित हैं।
मंगलनाथ महादेव मंदिर, उज्जैन: मान्यता है कि इस मंदिर में रूद्राभिषेक करने से मंगल एवं अन्य ग्रह दोषों से निवारण का वरदान मिलता है। कहा जाता है कि यहां की गई पूजा जीवन में सुख समृद्धि और शुभता लाती है।
पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, हरिद्वार: हिंदू धर्म ग्रंथों में पशुपतिनाथ महादेव के रूद्राभिषेक से भक्तों को पवित्रता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्तों का मानना है कि यहां पूजा करने से भगवान नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, अन्य दिनों की अपेक्षा श्रावण में रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ व लाभकारी माना जाता है। वहीं रुद्राभिषेक को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त जिस कार्य को मन में रखकर भगवान शिव का अभिषेक करता है वो उसकी इच्छा पूरी करते हैं। इसलिए श्रावण के शुभारंभ पर श्रीमंदिर आपके लिए लेकर आया है एक साथ चार शिवालयों में महा रुद्राभिषेक कराने का अवसर, तो भोलेनाथ से अच्छे स्वास्थ्य, धन प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष पाने के लिए सोमवार के शुभदिन पर चतु: शिवालय महा रुद्राभिषेक में भाग लें।