🙏 वरुथिनी एकादशी के पवित्र अवसर पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और जीवन में चल रही बाधाओं से छुटकारा पाएं। ✨🕉️💫
साल भर में आने वाली 24 एकादशियों में वरुथिनी एकादशी को सबसे प्रभावशाली और आध्यात्मिक रूप से फलदायक माना जाता है। यह एकादशी वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है। हमारे पुराणों में इस दिन का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके भक्त अपने पुराने पापों का प्रायश्चित करते हैं और दिव्य कृपा प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग खुलता है। शास्त्रों के अनुसार, राजा मान्धाता और राजा धुंधुमार ने इस व्रत का पालन करके मोक्ष प्राप्त किया था। साथ ही, भगवान शिव भी ब्रह्मा के अवतार का वध करने के श्राप से मुक्त होने के लिए इस व्रत का पालन कर चुके हैं। इसलिए वरुथिनी एकादशी को पापों के नाश, मोक्ष प्राप्ति और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए बेहद खास माना जाता है।
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शास्त्रों में बताया गया है कि कभी-कभी इन समस्याओं का कारण पितृ दोष होता है, जो हमारे पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं या अनसुलझे कर्मों से उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को रिश्तों में तनाव, पैसों की तंगी और नकारात्मक ऊर्जा का असर महसूस होता है। ऐसे में, पितृ दोष शांति महापूजा और गंगा अभिषेक को बहुत लाभकारी माना गया है। खासतौर पर काशी (वाराणसी) में की गई पितृ पूजा से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख और समृद्धि आती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गंगा अभिषेक का बहुत महत्व है।
गंगोत्री धाम की पवित्रता का वर्णन भी खास है। प्राचीन कथा के अनुसार, राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगोत्री में तप किया था, जिसके फलस्वरूप माँ गंगा धरती पर आईं। भगवान शिव ने उनके वेग को अपनी जटाओं में रोककर नियंत्रित किया। इसलिए गंगोत्री में किया गया गंगा अभिषेक पूर्वजों की आत्मा की शुद्धि और कर्मों के बोझ को कम करने वाला माना जाता है। इसीलिए, वरुथिनी एकादशी के शुभ अवसर पर काशी में पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री गंगा अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है।
श्री मंदिर के माध्यम से आप भी इस विशेष अनुष्ठान में शामिल होकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और अपने जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।